180 करोड़ से बने बाईपास की 11 करोड़ से मरहम पट्टी शुरू
शहर से गुजरने वाले बाईपास की विभाग ने मरहम पट्टी करना शुरू कर दिया है।
जागरण संवाददाता, रूपनगर
शहर से गुजरने वाले बाईपास की विभाग ने मरहम पट्टी करना शुरू कर दिया है। इस काम पर करीब 11 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे । पीडब्ल्यूडी ने शनिवार को सड़क मार्ग पर पड़े गड्ढों और पैचवर्क करने का काम शुरू किया । दैनिक जागरण ने 30 जनवरी के अंक में सड़क मार्ग पर पड़े गड्ढों के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था। इस पर संज्ञान लेते हुए विभाग ने बाईपास की मरम्मत करना शुरू कर दी है। बता दें कि बाईपास जालंधर, अमृतसर, पठानकोट से राजधानी जाने के लिए अहम रास्ता है । इसके जरिये राहगीरों को ट्रैफिक समस्या से निजात तो मिलती ही है, लेकिन यहां पर पड़े गड्ढे राहगीरों को भी किसी परेशान से कम नहीं थे। बाईपास पर तेज रफ्तार वाहन चालक को गड्ढे दिखाई नहीं देते हैं, जिसे वह हादसे का शिकार हो जाते हैं। हाल ही में पीडब्ल्यूडी ने ठेकेदार से गड्ढों में मिट्टी व पत्थर डलवाए थे, लेकिन उसके बाद बारिश से गड्ढों ने मुंह खोल दिए थे। लोगों की इस समस्या को दैनिक जागरण ने प्रमुखता से उठाया, जिसके बाद विभाग ने फिर इस मार्ग को चकाचक कर दिया है।
2018 में शुरू हुआ था बाईपास उल्लेखनीय है कि 180 करोड़ रुपये की लागत से बाईपास और सतलुज दरिया के पुल का प्रोजेक्ट अकाली भाजपा सरकार के कार्यकाल में साल 2015 में मुकम्मल हुआ था। इस दौरान बाईपास का कुछ हिस्सा बनने से रह गया था, जिसे जुलाई 2018 में मुकम्मल किया गया। इसके बाद दो अक्टूबर 2018 को तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने बाईपास और सतलुज दरिया के हाई लेवल पुल का उदघाटन किया था। उद्घाटन पत्थर पुलिस लाइन के पास रखा गया था। बाद में विधानसभा चुनाव से पहले रूपनगर-फगवाड़ा का नींव पत्थर रखने रूपनगर आए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने स्थानीय नेताओं की मांग पर घोषणा की थी कि बाईपास को फोरलेन प्रोजेक्ट में शामिल किया जाएगा। उसके बाद से लेकर अब तक कागजी औपचारिकताएं ही पूरी नहीं हो पाई हैं । रिपेयर का काम शुरू: एसडीओ उधर पीडब्ल्यूडी रूपनगर के एसडीओ राजबीर सिंह ने कहा कि 11 करोड़ रुपये से बने बाईपास की रिपेयर का काम शुरू कर दिया है। पहले बाईपास पर पैचवर्क किया जा रहा है, उसके बाद मुकम्मल लेयर डाली जाएगी। पीसी की दो लेयर बाईपास पर डाली जानी हैं।