गतका मुकाबलों के दूसरे दिन बीबी जगीर कौर ने की शिरकत
होला महल्ला के मौके पर बाबा बलबीर सिंह 96 करोड़ी के नेतृत्व में शिरोमणी पंथ अकाली बुड्ढा दल की तरफ से गुरुद्वारा ग्ररु का बाग छावनी निहंग सिंहों बुढ्डा दल में विरसा संभाल इंटरनेशनल गतका मुकाबले करवाए गए।
संवाद सहयोगी, श्री आनंदपुर साहिब : होला महल्ला के मौके पर बाबा बलबीर सिंह 96 करोड़ी के नेतृत्व में शिरोमणी पंथ अकाली बुड्ढा दल की तरफ से गुरुद्वारा ग्ररु का बाग छावनी निहंग सिंहों बुढ्डा दल में विरसा संभाल इंटरनेशनल गतका मुकाबले करवाए गए। इसमें विभिन्न राज्यों, जिलों की 20 टीमों ने सिख शस्त्र कला का प्रदर्शन किया। इन मुकाबलों के रविवार को दूसरे दिन शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) की प्रधान बीबी जगीर कौर, ज्ञानी रघबीर सिंह जत्थेदार तख्त श्री केसगढ़ साहिब, शिरोमणि पंथ अकाली बुढ्डा दल के मुखी सिंह साहिब जत्थेदार बाबा बलबीर सिंह 96 करोड़ी, बाबा अवतार सिंह सुरसिंघ दल पंथ बिधि चंद संप्रदाय, बाबा गज्जण सिंह तरना दल बाबा बकाला, बाबा निहाल सिंह हरी बेलां वाला समेत अन्य शख्सियतों ने शिरकत की।
इस मौके शिरोमणि पंथ अकाली बुढ्डा दल की तरफ से सिख पंथ की अहम शखिस्यतों को विशेष तौर पर सम्मानित किया गया। इनमें संत बाबा जगजीत सिंह डेरा संतगढ़, हरखोवाल, होशियारपुर, डा. जसबीर सिंह सरना कश्मीर और हरविंदर सिंह खालसा बठिंडा को बूढ़ा दल के तीसरे प्रमुख जत्थेदार बाबा नवाब कपूर सिंह जी यादगारी अवार्ड, बुढ्डा दल के घोड़ों के जत्थेदार बाबा इंद्र सिंह जी को बुढ्डा दल के चौथे मुखी सिंह साहब जत्थेदार बाबा जस्सा सिंह जी आहलूवालिया यादगारी अवार्ड दिया गया। सम्मानित होने वालों को बुढ्डा दल के प्रमुख की तरफ से श्री साहब, दोशाला, सिरोपों, धाíमक पुस्तक का सेट, सम्मान पत्र, सम्मान चिह्न के कर सम्मान किया गया।
इस मौके पर बीबी जगीर कौर ने शिरोमणि पंथ अकाली बुढ्डा दल के इस उपरालों की सराहना की। उन्होंने आगरा से दिल्ली तक मार्ग का नाम गुरु तेग बहादुर मार्ग रखने की भी मांग की। उन्होंने यह भी कहा दिल्ली-आनंदपुर साहिब मार्ग का नाम शीश मार्ग रखा जाए। गतका मुकाबलों में पहला स्थान प्राप्त करन वाली टीमें को शिरोमणि पंथ अकाली बुढ्डा दल की तरफ से सम्मानित किया गया। ये रहे मौजूद
इस मौके बाबा मनमोहन सिंह बारन वाले, बाबा जोगा सिंह करनाल वाले, बाबा वस्सण सिंह, बाबा नागर सिंह हरी बेला वाले, बाबा मेजर सिंह लुधियाना, बाबा जस्सा सिंह तलवंडी साबो, बाबा सुखजीत सिंह कन्हैया, बाबा हरप्रीत सिंह हैपी, बाबा रणजोध सिंह बूढ़ा दल, बाबा मलूक सिंह लाडी, भाई सुप्रीत सिंह, समेत बड़ी संख्या में नेहंग सिंह, बाबा तरलोक सिंह ख्याले वाले, बाबा अर्जन सिंह, बाबा तरसेम सिंह मेहता चौक, बाबा विशवप्रताप सिंह, सुखविंदर सिंह कंधा और अनेकों संत महापुरुष और संगत उपस्थित थे।