सरकारी स्कूलों में शिफ्ट किए जाएं एडिड शिक्षक
मांगों को लेकर लंबे समय से संघर्ष करते आ रहे पंजाब सरकार से सहायता प्राप्त एडिड स्कूलों के शिक्षकों व अन्य स्टाफ ने राज्य के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से मांग की है कि एडिड स्कूलों के शिक्षकों व स्टाफ को सरकारी स्कूलों में शिफ्ट किया जाए।
संवाद सहयोगी, रूपनगर: मांगों को लेकर लंबे समय से संघर्ष करते आ रहे पंजाब सरकार से सहायता प्राप्त एडिड स्कूलों के शिक्षकों व अन्य स्टाफ ने राज्य के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से मांग की है कि एडिड स्कूलों के शिक्षकों व स्टाफ को सरकारी स्कूलों में शिफ्ट किया जाए। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष बलदेव सिंह सहित लालजी दास, हरीश सोनी, मुनीष भल्ला, हरशरण सिंह, हरकंवल सिंह तथा सुखविदर सेखों ने कहा कि इन एडिड स्कूलों के शिक्षकों व अन्य स्टाफ को अपने भविष्य को बचाने के लिए सरकार के आगे बार बार झोली फैलानी पड़ रही है। राज्य के 484 स्कूलों में लगभग दस हजार शिक्षक व अन्य कर्मचारी 1967 से फ्रीज की गई पोस्ट पर काम कर रहे थे, लेकिन वर्ष 2003 से बंद हुई भर्ती कारण इन स्कूलों में अब मात्र 1800 के लगभग शिक्षक व अन्य कर्मचारी रह गए हैं। इस मौके प्रदेश अध्यक्ष बलदेव सिंह ने पंजाब सरकार से अपील की कि हिमाचल प्रदेश सहित हरियाणा तथा राजस्थान की तर्ज पर सारे एडिड स्कूलों के स्टाफ को सरकारी स्कूलों में शामिल किया जाए। एडिड स्कूलों को वैसे भी सरकार 15 फीसद ग्रांट तो दे ही रही है, लेकिन अगर सरकारी स्कूलों में शिफ्ट किया जाता है, तो सरकार को केवल पांच फीसद ही देना होगा। एडिड स्कूलों को सरकारी स्कूलों में शिफ्ट करने से सरकार को नुकसान कम व लाभ ज्यादा होगा, जबकि सरकार स्कूलों में खाली पड़ी पोस्ट को भी पांच फीसदी खर्च करते हुए भरा जा सकेगा । मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी सहित पंजाब विधानसभा के स्पीकर राणा कंवरपाल सिंह तथा अनेक कैबिनेट मंत्री व विधायक एडिड स्कूलों की ही देन है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जिस प्रकार मुख्यमंत्री कर्मचारियों की विभिन्न समस्याओं का स्थायी समाधान करने में लगे हुए हैं, उसी तर्ज पर एडिड स्कूलों की समस्याओं का भी समाधान करेंगे।