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2053 एकड़ में मक्की की 75 से 100 फीसद फसल तबाह

जिले के ब्लाक आनंदपुर साहिब और ब्लाक नूरपुरबेदी में मक्की की फसल पर हुए कीट के हमले के मामले में जिला खेतीबाड़ी अधिकारी डा.अवतार सिंह ने डीसी रूपनगर सोनाली गिरी को रिपोर्ट सौंप दी है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Sep 2021 05:14 AM (IST)Updated: Wed, 01 Sep 2021 05:14 AM (IST)
2053 एकड़ में मक्की की 75 से 100 फीसद फसल तबाह
2053 एकड़ में मक्की की 75 से 100 फीसद फसल तबाह

जागरण संवाददाता, रूपनगर: जिले के ब्लाक आनंदपुर साहिब और ब्लाक नूरपुरबेदी में मक्की की फसल पर हुए कीट के हमले के मामले में जिला खेतीबाड़ी अधिकारी डा.अवतार सिंह ने डीसी रूपनगर सोनाली गिरी को रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में जिला खेतीबाड़ी अधिकारी ने डीसी रूपनगर को स्पेशल गिरदावरी के आदेश देकर किसानों के सही नुकसान का मूल्यांकन करने की अपील की। रिपोर्ट के साथ संबंधित गांवों की सूची और बर्बाद हुई एकड़ फसल का ब्यौरा भी दिया गया है। जिला खेतीबाड़ी अधिकारी डा.अवतार सिंह ने डीसी रूपनगर को रिपोर्ट सौंपने की पुष्टि की है। रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि ब्लाक आनंदपुर साहिब और ब्लाक नूरपुरबेदी के 5820 एकड़ में किसानों ने मक्की की फसल बीजी थी, जिसमें से 2053 एकड़ फसल 75 से 100 फीसद तक बर्बाद हो गई है। इसी तरह 2508 एकड़ फसल 50 से 75 फीसद तक, 858 एकड़ फसल 25 से 50 फीसद तक और 452 एकड़ फसल 25 फीसद तक कीड़े की वजह से बर्बाद हो गई है। जिला खेतीबाड़ी अधिकारी डा.अवतार सिंह ने डिप्टी कमिश्नर रूपनगर को दी रिपोर्ट में लिखा है कि सर्वे के मुताबिक दोनों ब्लाकों में मक्की की फसल पर फाल आर्मीवर्म के हमले के कारण बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है। किसानों द्वारा इस कीट की रोकथाम के लिए स्प्रे भी किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। मक्की की फसल लगभग बर्बाद हो गई है और इससे किसानों को आमदनी बहुत कम होगी। इससे किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए निवेदन किया जाता है कि सरकारी नियमों के अनुसार स्पेशल गिरदावरी के आदेश दिए जाएं, जिससे किसानों के हुए नुकसान का सही मूल्यांकन किया जा सके। जमीन ठेके पर लेने वाले किसानों का डबल नुकसान नूरपुरबेदी ब्लाक के खेतीबाड़ी अधिकारी ने जिला खेतीबाड़ी अधिकारी को भेजी रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा है कि 100 से ज्यादा गांवों में मक्की की फसल पर कीट ने हमला किया है। 70 से ज्यादा गांवों में मक्की की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। सबसे ज्यादा नुकसान उन किसान भाईयों का हुआ है, जिन्होंने ठेके पर जमीन लेकर मक्की की फसल बीजी थी, क्योंकि फसल के नुकसान के साथ साथ उनका प्रति एकड़ जमीन के ठेके की रकम का भी नुकसान हुआ है। नूरपुरबेदी इलाके में प्रति एकड़ जमीन का ठेका 30 हजार रुपये है। खेतीबाड़ी अधिकारी ने भी लिखा है कि जो फसल बर्बाद होने के बाद बची है वो भी पशुओं के चारे के लायक भी नहीं है।

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