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तीन दशक में भी पूरा नहीं हुआ नए बस स्टैंड का सपना

पंजाब अंदर विधायक या सांसद चाहे किसी भी पार्टी का रहा हो बड़े बड़े वादे तो किए जाते रहे हैं लेकिन जिला हैड क्वार्टर होने के बावजूद रूपनगर को आज तक स्थाई बस स्टेंड नसीब नहीं हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 07 Apr 2019 11:47 PM (IST)Updated: Mon, 08 Apr 2019 06:22 AM (IST)
तीन दशक में भी पूरा नहीं हुआ नए बस स्टैंड का सपना
तीन दशक में भी पूरा नहीं हुआ नए बस स्टैंड का सपना

अरूण कुमार पुरी, रूपनगर

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पंजाब अंदर विधायक या सांसद चाहे किसी भी पार्टी का रहा हो बड़े बड़े वादे तो किए जाते रहे हैं, लेकिन जिला हैड क्वार्टर होने के बावजूद रूपनगर को आज तक स्थाई बस स्टेंड नसीब नहीं हुआ है। कहने को तो शहर अंदर एक या दो नहीं बल्कि पांच बस स्टेंड बने हुए हैं लेकिन किसी भी बस स्टेंड विशेषकर नेहरू स्टेडियम वाले बस स्टेंड पर जरूरी सुविधाओं का न होना लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। पंजाब राज्य का यह शायद पहला ऐसा शहर है जहां लोगों को बस पकड़ने के लिए इधर उधर भटकना पड़ता है।

कहां कहां है बस स्टेंड

रूपनगर में नेहरू स्टेडियम के सामने पंजाब रोडवेज ने बसस्टैंड बनाया हुआ है जोकि ठेके पर दिया हुआ है जबकि इस बस स्टेंड से अड्डा फीस के रूप में हर दिन आठ से दस हजार रूपये की आय रोडवेज को होती है, लेकिन बस स्टेंड में लोगों के लिए पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। इसी प्रकार सिडीकेट कंपनी के डिपो के पास पुराना बस स्टेंड है जहां बस स्टेंड वाली सुविधा तो कोई नहीं, लेकिन लगभग हर बस यहां अपनी मर्जी से रोकी जाती है जो सवारी उतारती व चढ़ाती है। इसी प्रकार एक बस स्टेंड रेलवे फाटक के पास बना हुआ है जहां नंगल, आनंदपुर साहिब के अलावा बिलासपुर, मंडी व नालागढ़ की दिशा से आने वाली व जाने वाली हर बस रूकती है, सवारी उतारती व चढ़ाती भी है। विशेष बात यह है कि बस किस बस स्टेंड पर रूकेगी यह बस के चालक व परिचालक पर निर्भर करता है जिसके चलते लोग सारा दिन इधर उधर भटकते देखे जा सकते हैं।

तीन दशक पहले बनी थी नए बस स्टेंड की योजना

लगभग तीन दशक पहले लोगों की मांग पर तत्कालीन डीसी विन्नी महाजन के द्वारा निरंकारी भवन के पास नया बस स्टेंड बनाने की योजना बनाकर सरकार को भेजी गई थी लेकिन जमीन का मामला अदालत में जाने के कारण काम शुरू ही नहीं हो सका। इसके बाद लगभग एक दशक पहले नया बस स्टेंड ट्रांसपोर्ट नगर के पास बनाने का फैसला लिया गया जिसके लिए पूर्व विधायक डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने खूब दम लगाया जबकि लगभग पांच साल पहले यहां आए तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने नया बस स्टेंड बनाने का एलान भी कर दिया जिसके लिए 25 लाख रूपये का प्रावधान भी किया गया। बादल सरकार चली गई लेकिन रूपनगर को बस स्टेंड नसीब नहीं हुआ।

हमेशा धक्का हुआ है रूपनगर के साथ

कहने को तो रूपनगर जिला एतिहासिक जिले में शुमार करता है लेकिन इस जिले के साथ हमेशा से धक्का होता रहा है है। पहले इस जिले से मोहाली को अलग करते नया जिला मोहाली बनाया गया जहां करोड़ों रूपया व्यय करपते हुए नया बस स्टेंड भी बना दिया गया लेकिन रूपनगर को बस स्टेंड वादा किए जाने के बाद भी नहीं मिला। हैरानी तो इस बात की है कि रूपनगर को डिविजन होने का दर्जा भी मिला हुआ है जबकि यहां आइआइटी भी स्थापित हो चुकी है बावजूद इसके एतिहासिक जिले का हैड क्वार्टर स्थाई बस स्टेंड को तरस रहा है।


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