अब तक 11 पीड़ितों को दिया 41 लाख का मुआवजा
रूपनगर देश में निर्भया केस के बाद वर्ष 2018 से सामूहिक दुष्कर्म दुष्कर्म कुकर्म और एसिड अटैक के मामलों में पीड़िता को समाज में जीने लायक माहौल बनाने में जिला लीगल एड अथारिटी अहम भूमिका अदा कर रही है।
अरुण कुमार पुरी, रूपनगर: देश में निर्भया केस के बाद वर्ष 2018 से सामूहिक दुष्कर्म, दुष्कर्म, कुकर्म और एसिड अटैक के मामलों में पीड़िता को समाज में जीने लायक माहौल बनाने में जिला लीगल एड अथारिटी अहम भूमिका अदा कर रही है। जिले में 11 पीड़ितों को 41 लाख रुपये की राशि बतौर मुआवजा दी जा चुकी है। मुआवजा राशि सेंट्रल विक्टिम कंपनसेशन फंड (सीवीसीएफ) व स्टेट विक्टिम कंपंसेशन फंड (एसवीसीएफ) द्वारा उपलब्ध फंड में से पीड़ितों को उपलब्ध करवाई जा रही है। मुआवजा नियमों के मुताबिक मिले इसके लिए स्टेट लीगल सर्विस अथारिटी (एसएलएसए) व जिला लीगल सर्विस अथारिटी (डीएलएसए) को पूरी सूचना उपलब्ध करवानी होती है। जिला लीगल सर्विस अथारिटी के सचिव कम सीजेएम हरसिमरनजीत सिंह ने बताया कि पीड़िता की मौत हुई है या उसे शारीरिक अथवा मानसिक क्षति पहुंची है, उसका आकलन करने के बाद एसएलएसए या डीएलएसए द्वारा मुआवजे की रकम के बारे में फैसला लिया जाता है कि पीड़ित या उसके आश्रित कितने मुआवजे के हकदार हैं। वर्ष 2019 से लेकर जुलाई 2020 तक 11 मामलों में पीड़ितों या उनके आश्रितों को जिले में 41 लाख 60 हजार रुपये बतौर मुआवजा रकम अदा की जा चुकी है। अगर अदालत द्वारा उपलब्ध करवाया जाने वाला मुआवजा किसी पीड़ित को कम लगता है, तो वह मुआवजे का फैसला होने के 30 दिनों के भीतर चेयरमैन एसएलएसए या डीएलएसए को आवेदन कर सकते हैं। किस केस में कितना मिलता है मुआवजा सामूहिक दुष्कर्म होने पर या पीड़िता की मौत होने की सूरत में पांच लाख से दस लाख रुपये, दुष्कर्म मामले में चार से सात लाख , शरीर के किसी अंग को स्थायी या 80 फीसद क्षति पहुंचने पर दो से पांच लाख रुपये व 20 से 40 फीसद क्षति होने पर एक से चार लाख रुपये तक मुआवजा देने का प्रावधान है। इसी प्रकार बर्निंग केसों में मौत होने पर सात से आठ लाख रुपये, 20 से 50 फीसद तक शारीरिक क्षति होने पर दो से आठ लाख रुपये तक मुआवजा देने का प्रावधान है। एसिड अटैक में अगर पीड़िता का चेहरा पूरी तरह से खराब हो जाता है, तो उसे सात से आठ लाख ,जबकि 20 से 50 फीसदी तक चेहरा खराब होने पर तीन से आठ लाख रुपये तक मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है। अब तक इन्हें दिया गया मुआवजा रूपनगर जिले के अंतर्गत पड़ते थाना आनंदपुर साहिब में आरोपित जसविदर सिंह के खिलाफ वर्ष 2017 में आइपीसी की विभिन्न धाराओं के साथ साथ पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में अदालत ने 25 नवंबर 2019 को पीड़िता को सात लाख रूपये का मुआवजा दिया गया।
--- थाना आनंदपुर साहिब में वर्ष 2015 के दौरान अज्ञात व्यक्ति के पर आइपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में अदालत में सुनवाई के बाद नौ जनवरी 2020 को पीड़ितों को 40 हजार रुपये का मुआवजा दिया गया था।
--- वर्ष 2018 के दौरान थाना नूरपुरबेदी में आरोपित निर्मल कुमार के खिलाफ आइपीसी की विभिन्न धाराओं व पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में सुनवाई के बाद 21 जनवरी 2020 को पीड़िता को 12 लाख रुपये मुआवजे के रूप में अदा किए गए।
- वर्ष 2017 के दौरान थाना सिटी रूपनगर में आरोपित अशोक कुमार के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज हुआ था। इस मामले की सुनवाई के बाद 22 जनवरी 2020 को अदालत ने पीड़िता को दो लाख रुपये का मुआवजा दिलवाया था।
- वर्ष 2015 के दौरान थाना रूपनगर में अज्ञात आरोपित के खिलाफ आइपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज हुआ था। इस मामले में नौ मार्च 2020 को अदालत ने पीड़िता को एक लाख रुपये मुआवजा उपलब्ध करवाया।
- वर्ष 2018 के दौरान थाना नंगल में आरोपित रोहित कुमार के खिलाफ आइपीसी की विभिन्न धाराओं के साथ साथ पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ था। इस मामले में पीड़िता को 31 मार्च 2020 को अदालत ने राहत देते हुए सात लाख रुपये का मुआवजा उपलब्ध करवाया।
- वर्ष 2018 के दौरान थाना सदर रूपनगर में आरोपित परमजीत सिंह उर्फ पम्मा के खिलाफ आइपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में भी अदालत में 31 मार्च 2020 को पीड़िता को राहत देते हुए सात लाख रुपये मुआवजा उपलब्ध करवाया।
वर्ष 2018 में थाना कीरतपुर साहिब में अज्ञात आरोपित के खिलाफ आइपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। इसमें अदालत ने सुनवाई करते हुए 30 जुलाई 2020 को पीड़िता को दो लाख रुपये का मुआवजा उपलब्ध करवाया।
- वर्ष 2018 के दौरान थाना आनंदपुर साहिब में आरोपित कृष्ण केवट के खिलाफ आइपीसी की तीन धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। इसमें अदालत ने पीड़िता को राहत देते हुए 30 जुलाई 2020 को दो लाख रुपये का मुआवजा दिलवाया।
- वर्ष 2016 के दौरान थाना सिटी रूपनगर में आरोपित सिमरनजीत सिंह के खिलाफ छेड़छाड़ का कविभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज हुआ था। इस मामले में अदालत ने 30 जुलाई 2020 को पीड़िता को एक लाख रुपये बतौर मुआवजा उपलब्ध करवाया।
-- वर्ष 2017 में थाना सिंह भगवंतपुरा में आरोपित गुरप्रीत सिंह के खिलाफ छेड़छाड़ करने पर मामला दर्ज किया गया था। इस मामले की सुनवाई करते हुए अदालत नें 30 जुलाई 2020 को पीड़ित को राहत देते हुए 20 हजार रुपये बतौर मुआवजा उपलब्ध करवाया।