किसान संघर्ष की आड़ में विकास कार्य भूली कैप्टन सरकार
केंद्र सरकार के पास किए कृषि सुधार कानूनों को रद्द करवाने के लिए पंजाब के किसान दिल्ली में डटे हुए हैं।
संवाद सूत्र, मोरिडा: केंद्र सरकार के पास किए कृषि सुधार कानूनों को रद्द करवाने के लिए पंजाब के किसान दिल्ली में डटे हुए हैं। किसानों के इस संघर्ष का फायदा पंजाब सरकार भी उठा रही है , क्योंकि इस संघर्ष की आड़ में सरकार ने विकास कार्यो विशेषकर सड़कों के निर्माण व मरम्मत पर ब्रेक लगाई हुई है। यहां आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता डा. चरणजीत सिंह सहित पूर्व ब्लाक अध्यक्ष सिकंदर सिंह सहेड़ी, एनपी राणा, प्रह्लाद ढंगराली, कमल सिंह गोपालपुर तथा जगमोहन सिंह रंगियां आदि ने कहा कि काईनौर चौक मोरिडा से लेकर महाराणा प्रताप यादगारी चौक तक पुराने नेशनल हाईवे वाली सड़क की हालत बद से बदतर हो चुकी है । यहां पर पता नहीं चलता कि सड़क में गड्ढे हैं अथवा गड्ढों में सड़क है। सड़क की दशा का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस सड़क पर पैदल चलना तो दूर, वाहन चलाना भी खतरे से खाली नहीं है।
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों अपनी कोठी के उद्घाटन मौके कैबिनेट मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कोठी को मेन सड़क से जोड़ने वाली सड़क की मरम्मत करवाने का एलान तो कर दिया है, लेकिन जिन टूटी सड़कों के कारण लोगों के वाहनों का नुकसान हो रहा है, उन सड़कों की रिपेयर बारे मंत्री को कोई चिता नहीं है। प्रदेश में विकास कार्यो को लेकर कैप्टन सरकार पूरी तरह से फेल हो चुकी है । जो सरकार पिछले चार साल में विकास नहीं करवा सकी, वह ब शेष बचे मात्र एक साल में क्या विकास करवाएगी। उन्होंने कहा कि 11 दिसंबर से दशमेश पिता श्री गुरु गोबिद सिंह जी के छोटे साहिबजादों व माता गुजरी जी के सफर-ए-शहादत को समर्पित शहीदी पखवाड़ा शुरू होने वाला है। इस दौरान दौरान बड़ी संख्या में संगत इसी मार्ग से होकर गुजरेगी, जिसे टूटी सड़कों के कारण विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने पंजाब सरकार से मांग की कि शहीदी पखवाड़ा शुरू होने से पहले सड़कों की मरम्मत करवाई जाए, ताकि संगत बिना परेशानी गुरु घरों के दर्शन कर सके