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पटाखे बेचने के लिए जिले की 11 जगहों पर लगे 29 स्टॉल

रूपनगर मोरिडा और चमकौर साहिब में एक-एक जगह पर और नंगल में छह जगह पटाखे बिक्री होंगे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Oct 2019 11:26 PM (IST)Updated: Mon, 21 Oct 2019 11:26 PM (IST)
पटाखे बेचने के लिए जिले की 11 जगहों पर लगे 29 स्टॉल
पटाखे बेचने के लिए जिले की 11 जगहों पर लगे 29 स्टॉल

जागरण संवाददाता, रूपनगर : रूपनगर, मोरिडा और चमकौर साहिब में एक-एक जगह पर और नंगल में छह जगह पटाखे बिक्री होंगे। वहीं, आनंदपुर साहिब में दो जगहों पर पटाखे बिक्री होंगे। सोमवार को एडीसी अमरदीप सिंह गुजराल की अध्यक्षता में पूरे जिले की 29 साइटों के लिए लक्की ड्रा निकाले गए। जिले में 29 साइटों के लिए 116 लोगों ने आवेदन किए थे। रूपनगर के श्री राम लीला ग्राउंड और नंगल में जवाहर मार्केट, निकट बीएसएनएल एक्सचेंज, सिंह सभा गुरुद्वारा, सेक्टर 2 मार्केट नया नंगल, चिट्टी टंकी मेन मार्केट और निकट मजदूर संघ क्लब पटाखे बिक्री करने के लिए साइटें अलॉट की गई हैं। आनंदपुर साहिब में श्री कीरतपुर साहिब और आनंदपुर साहिब शहर में एक एक जगह, मोरिडा में श्रीराम लीला ग्राउड, चमकौर साहिब में बाबा अजीत सिंह बाबा जुझार सिंह स्टेडियम में जगह अलॉट की गई है।

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चमकौर साहिब में 3 लक्की ड्रा निकाले

एडीसी अमरदीप सिंह गुजराल की अध्यक्षता में एक एक करके शहर वाइस लक्की ड्रा निकाले गए। रूपनगर शहर में छह लक्की ड्रा निकाले गए हैं। चमकौर साहिब में 3 लक्की ड्रा निकाले गए जबकि चमकौर साहिब में 18 आवेदन प्राप्त हुए थे। नंगल में 12 लक्की ड्रा निकाले गए जबकि 22 लोगों ने आवेदन किए थे। कीरतपुर साहिब में छह साइटों के लिए 22 लोगों ने आवेदन किए थे। मोरिडा में दो साइटों के लिए तीन लोगों ने आवेदन किए थे। सबसे ज्यादा आवेदन रूपनगर के लिए

सबसे ज्यादा आवेदन रूपनगर शहर में पटाखे बिक्री के लिए हासिल हुए। रूपनगर में 6 साइटों के लिए 51 आवेदन हासिल हुए। प्रशासन द्वारा प्रत्येक आवेदन के लिए 1020 रुपए की फीस निर्धारित की गई थी। फीस से जिला प्रशासन के पास 1 लाख 118 रुपए का रेवेन्यू एकत्र हुआ है। 

कम से कम पटाखे चलाएं : एडीसी

रूपनगर के एडीसी अमरदीप सिंह गुजराल ने कहा कि जिलाधीश डॉ.सुमीत जारंगल की हिदायतों पर पटाखों के स्टाल के लिए लक्की ड्रा करवाए गए। सरकार पटाखों के इस्तेमाल को कम करने के लिए प्रयासरत है इसलिए पटाखों की बिक्री के लिए स्थान निर्धारित किए गए हैं और स्टॉल भी कम लगवाए जा रहे हैं ताकि पटाखे कम इस्तेमाल हो और पर्यावरण ईको फ्रेंडली रह सके। उन्होंने लोगों से अपील की कि कम से कम पटाखे चलाए जाएं ताकि आबोहवा प्रदूषित न हो।


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