Move to Jagran APP

धंध ने दो साल में ली लीं 24 जिंदगियां

राज्य के ज्यादातर हिस्सों में धुंध का कहर अभी से शुरू हो चुका है। ध्

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Nov 2019 10:54 PM (IST)Updated: Tue, 19 Nov 2019 10:54 PM (IST)
धंध ने दो साल में ली लीं 24 जिंदगियां
धंध ने दो साल में ली लीं 24 जिंदगियां

अरुण कुमार पुरी, रूपनगर: राज्य के ज्यादातर हिस्सों में धुंध का कहर शुरू हो चुका है। धुंध के कारण हर साल कई हादसे होते हैं, जिनमें जहां कई लोगों की जान चली जाती है, वहीं कई घायल भी होते हैं। हर साल होने वाले इन हादसों से विभिन्न हाईवे पर लगे टोल प्लाजा वाले तथा ट्रैफिक पुलिस कोई सबक नहीं लेती। आज भी हाईवे व मुख्य सड़कों पर अनेकों ऐसी खामियां हैं, जो सड़क हादसों को दावत देती देखी जा सकती हैं। रूपनगर शहर चंडीगढ़-नवांशहर-जालंधर हाईवे और चंडीगढ़-रूपनगर-नंगल हाईवे के साथ जुड़ा हुआ है। इनमें से चंडीगढ़-नवांशहर-जालंधर हाईवे 120 किलोमीटर, जबकि चंडीगढ़-रूपनगर-नंगल हाईवे 110 किलोमीटर लंबा है। इसके अलावा चंडीगढ़-रूपनगर-नंगल हाईवे कीरतपुर साहिब के पास हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर-कुल्लू-मनाली हाईवे से भी जुड़ता है, जोकि लगभग 230 किलोमीटर लंबा हाईवे है। यहां पर कई जगह सड़क खराब होने से हर साल धुंध के कारण कई हादसे होते हैं, पर इन खराब स्थानों को ठीक करने में कोई भी कार्रवाई नहीं की जाती है। धुंध के कारण हुए सड़क हादसों की अगर बात करें तो पिछले दो साल के दौरान इन उपरोकत तीनों हाईवे पर 34 सड़क हादसे हुए हैं, जिनमें 26 लोगों की जान चली गई थी , जबकि 45 छोटे व भारी वाहन क्षतिग्रस्त होने से लगभग 41 लोग घायल भी हुए हैं। वहीं रूपनगर जिले के अंदर सड़कों पर 23 ब्लैक स्पॉट हैं। इनमें से सात ब्लैक स्पॉट नंगल उपमंडल में, छह ब्लैक स्पॉट उपमंडल आनंदपुर साहिब में, उपमंडल रूपनगर में आठ ब्लैक स्पॉट व नूरपुरबेदी में सात ब्लैक स्पॉट जबकि पांच ब्लैक स्पॉट मोरिडा में हैं। इन्हें ठीक करने की संबंधित विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, जबकि इन्हीं के कारण धुंध के कारण यहां पर हर साल कई हादसे होते हैं। इसके अलाव हाईवे किनारे लगी लाइटों की भी मरम्मत होना हादसों का बड़ा कारण है। हादसों के ये भी हैं बड़े कारण धुंध के मौसम में हादसों के बड़े कारण में वाहन चालकों की तेज रफ्तार होना भी है। आगे चलने वाले वाहन से व्यापक दूरी न रखना, सड़कों के किनारे बिना इंडीकेटर वाहन खड़े करना, बिना इधर- उधर देखे मोड़ काटना व ब्लैक स्पॉट आदि भी हादसों के बड़े कारण हैं। ऐसे हादसों की संभावना को क्षीण बनाने के लिए हर साल ट्रैफिक सप्ताह मनाते हुए लोगों को जागरूक करने व अन्य प्रबंध करने के प्रयास तो किए जाते हैं लेकिन जागरूकता सप्ताह के समाप्त होते ही सब राम भरोसे छोड़ दिया जाता है।

loksabha election banner

हाईवे पर बढ़ाई पेट्रोलिग: ट्रैफिक इंचार्ज वहीं इस संबंध में ट्रैफिक इंचार्ज बलबीर सिंह का कहना है कि उनकी टीम हर हाईवे पर पेट्रोलिग बढ़ाते हुए जहां भी कमी है, उसे दूर करवा रही है। टोल कंपनियों सहित लोक निर्माण विभाग को भी सख्ती से कहा गया है कि जहां सफेद पट्टी नहीं है, वहां जल्द पट्टी लगाई जाए। इसके अलावा जहां ट्रैफिक लाइटें नहीं हैं, वहां पर उन्हें लगाया जाए। उन्होंने बताया कि विभाग के सोशल मीडिया सेल के माध्यम से भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है। धुंध के मौसम में उन वाहन चालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जो सड़कों के किनारे बिना इंडीकेटर व बिना रिफलेक्टर अपने वाहन पार्क करते हैं। वाहन चालकों को भी इस संबंध में सहयोग देना चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.