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मंडी में खुले में पड़ा 17 हजार मीट्रिक टन गेहूं

रूपनगर अनाज मंडी 17 हजार मीट्रिक टन गेहूं को खुले आसमान तले स्टोर किया गया है। ऐसा इसलिए किया गया है कि ये हिमाचल प्रदेश को भेजी जानी है। लेकिन एक साथ नहीं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Jun 2020 10:32 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jun 2020 06:15 AM (IST)
मंडी में खुले में पड़ा 17 हजार मीट्रिक टन गेहूं
मंडी में खुले में पड़ा 17 हजार मीट्रिक टन गेहूं

अजय अग्निहोत्री, रूपनगर : रूपनगर अनाज मंडी 17 हजार मीट्रिक टन गेहूं को खुले आसमान तले स्टोर किया गया है। ऐसा इसलिए किया गया है कि ये हिमाचल प्रदेश को भेजी जानी है। लेकिन एक साथ नहीं। ये ऑन डिमांड सप्लाई होती है। ऐसे में बरसात का सीजन सिर पर है और अगर बरसात से पहले की आंधियां और तेज हवाएं और बारिश ये गेहूं सह गई तो भी बरसात में इसके नुकसान को रोकना संभव नहीं होगा। प्रशासन का दावा है कि बरसात के संवेदनशील दिनों तक गेहूं को यहां से हिमाचल भेज दिया जाएगा।

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असलियत ये है कि खरीद एजेंसियों के पास कहीं भी कवर गोदाम नहीं है। एक दो गोदाम जिले में हैं वो अपर्याप्त हैं। रूपनगर अनाज मंडी और सब्जी मंडी में भारी मात्रा में गेहूं की बोरियां स्टॉक की गई हैं। इसमें से जरूरत के हिसाब से कभी पांच हजार कट्टा तो कभी सात हजार कट्टा सप्लाई हो रहा है। ये गेहूं मार्केफैड और पनसप ने प्रशासन की मंजूरी के बाद ओपन में स्टोर की है। मुद्दा ये है कि यदी प्रकृति ने अपना प्रकोप दिखाया और तेज आंधी तूफान के साथ बारिश हुई तो क्या तिरपाल गेहूं की बोरियों को बचा पाएगी। मौसम की मार से होने वाले नुकसान की जिम्मेदारी किसकी होगी।

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14076 मीट्रिक टन गेहूं की कम हुई खरीद

रूपनगर जिले में इस बार गेहूं की खरीद कोरोना संकट की वजह से इस्तेमाल किए गए कूपन सिस्टम व अन्य कारणों की वजह से तय लक्ष्य से कम ही पहुंची है। जिले में 14076 मीट्रिक टन गेहूं की आमद पिछले सीजन के मुकाबले कम हुई है। जबकि फूड एंड सप्लाई विभाग हरेक साल 10 फीसद की बढ़ौतरी के साथ लक्ष्य निर्धारित करता है। जिले में 1,56,924 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई है। जबकि पिछले साल इसी सीजन में 1,71,000 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई थी।

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उम्मीद है कि बरसात से पहले शिफ्ट हो जाएगा गेहूं का स्टाक: डीसी सोनाली

रूपनगर की डीसी सोनाली गिरी ने कहा कि संबंधित विभाग ने विश्वास दिलाया है कि बरसात से पहले गेहूं को अनाज मंडी में से हटा दिया जाएगा। कवर्ड गोदाम होने चाहिए। जिससे कि फसल को नुकसान पहुंचने का खतरा न रहे।


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