मौजूदा समय में साइबर क्राइम ही प्रमुख अपराध
साइबर लाज फार इमर्जिग टेक्नोलोजीस पर एक वेबिनार करवाया गया।
जागरण संवाददाता, पटियाला : आर्यंस कालेज आफ ला ने कड़े साइबर कानूनों की आवश्यकता के बारे में छात्रों को जागरूक करने के उद्देश्य से साइबर लाज फार इमर्जिग टेक्नोलोजीस पर एक वेबिनार करवाया गया। आर्यंस कालेज आफ ला की प्रोफेसर मनु रामपाल ने ला, इंजीनियरिग, मैनेजमेंट, नर्सिग, फार्मेसी, बीएड और एग्रीकल्चर के छात्रों के साथ बातचीत की। डा. अंशु कटारिया, अध्यक्ष, आर्यंस ग्रुप ने वेबिनार की अध्यक्षता की।
मनु रामपाल ने छात्रों के साथ बातचीत में कहा कि वर्तमान में साइबर अपराध विश्व भर में प्रमुख अखबारों की सुर्खियां बन रहे हैं, जिससे उद्योगों और व्यक्तियों को अप्रत्याशित क्षति हो रही है। उन्होंने समझाया कि डाटा ब्रीच, पहचान की चोरी, वित्तीय चोरी और इंटरनेट समय की चोरी साइबर चोरी के प्रमुख रूप में शामिल हैं। मनु ने बताया कि भारत में साइबर कानून सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 में निहित हैं। इस अधिनियम का उद्देश्य इलेक्ट्रानिक कामर्स को कानूनी मान्यता प्रदान करना और सरकार के साथ इलेक्ट्रानिक्स रिकार्ड दर्ज करने की सुविधा प्रदान करना है। सभी कानूनों की व्याख्या करते हुए और छात्रों के सवालों के जवाब देते हुए उन्होंने बताया कि हालांकि साइबर सुरक्षा आगे बढ़ रही है, लेकिन हैकर्स इसे तोड़ने के तरीके भी खोज रहे हैं। यह न केवल बेहतर सुरक्षा प्रणालियों बल्कि मजबूत साइबर कानूनों की आवश्यकता को पुष्ट करता है। इसके अलावा, साइबर कानून बनाने वालों को साइबर सुरक्षा में संभावित खामियों का सामना करने और वास्तविक समय में उन्हें ठीक करने की जरूरत है।