प्रोजेक्ट सिरे न चढ़ने के कारण शुतराणा के वोटर निराश
हलका शुतराणा में इस बार चार राजनीतिक पार्टियां आमने-सामने होंगी।
राजपाल सिगला (पातड़ां) पटियाला
हलका शुतराणा में इस बार चार राजनीतिक पार्टियां आमने-सामने होंगी। उनमें कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल (शिअद), आम आदमी पार्टी (आप) व भाजपा व पंजाब लोक कांग्रेस का गठबंधन होगा। बात की जाए मौजूदा राजनीतिक हालातों की तो आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल (बादल) सहित कांग्रेस के उम्मीदवारों में कांटे की टक्कर होगी। कांग्रेस पार्टी ने हलके में कोई मजबूत उम्मीदवार उतार दिया तो फिर यह मुकाबला और भी कड़ा हो जाएगा एवं भाजपा सहित पीएलसी का मजबूत उम्मीदवार सामने आता है तो चौकोणा मुकाबला यहां होगा। फिलहाल यहां पर शिअद ने पूर्व विधायक वनिंदर कौर लंबू व आम आदमी पार्टी ने कुलवंत सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है। फिलहाल कांग्रेस ने शनिवार को छह उम्मीदवारों की घोषणा की है जिसमें से निर्मल सिंह शुतराणा को फिर से चुनाव मैदान में उतारने से रोक लिया है। फिलहाल शुतराणा सहित पटियाला एक से सस्पेंस अभी बरकरार है।
यदि कांग्रेस पार्टी के मौजूदा विधायक निर्मल सिंह की बात की जाए तो हलके के वोटर विकास न होने से खासे नाराज हैं। साथ ही विधायक निर्मल सिंह के अपनी ही पार्टी के प्रति सुर ठीक न होने से इस बार कांग्रेस पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दी है। यहां उनका विरोध भी जारी है और कुछ अन्य दावेदार कांग्रेस से इस सीट के लिए टिकटें मांग रहे हैं। इनमें एटीसी दरबारा सिंह वणावाला, तहसीलदार दर्शन सिंह, पातड़ां में सेवा निभा चुके डीएसपी दविंदर सिंह धूरी और पार्टी वर्कर कुलवंत सिंह भी कतार में हैं।
विधायक निर्मल सिंह शुतराणा ने लोगों के साथ वादा किया था कि सुविधाओं से लैस अनाजमंडी बनावाएंगे ताकि सीजन में वहां पर आने वाली फसल को सही ढंग से सहेजने के लिए किसानों को परेशानी न हो। इसके अलावा शहर में एक बेहतरीन पार्क बनावाने के अलावा ककराला इलाके में बीडीपीओ आफिस तैयार करवाएंगे। परंतु यह वादे अब तक केवल वादे की साबित हुए हैं। शुतराणा के वोटरों में इस बात को लेकर काफी निराशा पाई जा रही है।
उधर, शिअद की उम्मीदवार पूर्व विधायक वनिन्दर कौर लंबू की बात की जाए तो उनको टिकट दी जा चुकी है और वे चुनाव मुहिम को बहुत आगे ले जा चुकी हैं। यदि बीजेपी, पंजाब लोक कांग्रेस और ढींडसा ग्रुप के गठजोड़ की बात की जाए तो नरैण सिंह आप की तरफ से दावेदार माने जा रहे थे, परंतु मौके पर टिकट न मिलने के कारण वे अब पंजाब लोक कांग्रेस (पीएलसी) के कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ हाथ मिला लिया। अब इस गठजोड़ से टिकट की उम्मीद लगी हुई है। दूसरी तरफ गुरतेज सिंह ने भी बीजेपी का वर्कर होने के कारण हलके में वोटरों के साथ तालमेल बनाकर रखा हुआ है। उनको भी उम्मीद है कि बीजेपी पार्टी उनको उम्मीदवार बनाएगी।