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पंजाबी यूनिवर्सिटी में अध्यापक मांगों को लेकर विर्क व बराड़ ग्रुप आमने-सामने

पटियाला पंजाबी यूनिवर्सिटी में अध्यापक मांगों को लेकर विर्क व बराड़ ग्रुप आमने-सामने खड़े हो चुके हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 12 Jul 2020 12:25 AM (IST)Updated: Sun, 12 Jul 2020 12:25 AM (IST)
पंजाबी यूनिवर्सिटी में अध्यापक मांगों को लेकर विर्क व बराड़ ग्रुप आमने-सामने
पंजाबी यूनिवर्सिटी में अध्यापक मांगों को लेकर विर्क व बराड़ ग्रुप आमने-सामने

जागरण संवाददाता, पटियाला : पंजाबी यूनिवर्सिटी में अध्यापक मांगों को लेकर विर्क व बराड़ ग्रुप आमने-सामने खड़े हो चुके हैं। विर्क ग्रुप ने पुटा पर अध्यापकों को गुमराह करने का आरोप लगाया। तो दूसरी ओर पुटा के सचिव कह रहे हैं कि विर्क ग्रुप लंबे समय से काम कर रहा है, फिर क्यों यूनिवर्सिटी के हालात नहीं सुधार पाए। सूत्रों के मुताबिक दोनों ग्रुप अध्यापक मांगो को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। विर्क ग्रुप ने यूनिवर्सिटी प्रशासन को नोटिस दे चेतावनी दी है कि अगर 15 जुलाई तक अध्यापक मांगो पर कोई उचित कदम नहीं उठाया तो अध्यापकों से मीटिग कर संघर्ष का रास्ता अपनाया जाएगा। जिसकी जिम्मेदारी यूनिवर्सिटी प्रशासन की होगी। अध्यापक मांगों संबंधी विर्क ग्रुप ने यूनिवर्सिटी प्रशासन को मांग पत्र भी दे दिया है। पुटा एसोसिएशन अध्यापकों को कर रही गुमराह

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प्रोग्रेसिव टीचर्स अलाइंस के प्रधान डॉ. भूपिदर विर्क व डॉ. निशान सिंह दयोल ने कहा कि पुटा एसोसिएशन ने पिछले समय में जो संघर्ष किया था, मुलाजिमों को समय पर सेलरी मिलने को लेकर किया गया। पर यूनिवर्सिटी प्रशासन व पुटा के बीच हुए समझौते से पता चलता है कि अध्यापकों को गुमराह किया गया। समझौते में महीने की 17 तारीख तक सेलरी जारी करने की बात मान पुटा ने अपना धरना खत्म कर दिया। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन अध्यापक मांगे पूरी करवाने में असमर्थ रह रही है। अध्यापकों की मांगों में प्रोमोशन संबंधी पेंडिग केस को निपटाना, डीन फैकल्टी ऑफ इंजीनियर की नियुक्ति संबंधी, इंक्रीमेंट का बकाया, एनपीएस ओर जीपीएफ में डाले पैसे पर ब्याज न देना व विभिन्न मांगे अध्यापकों की पेंडिग चल रही हैं। जिसके चलते अध्यापकों में रोष पाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले करीब तीन साल से अध्यापक मांगें पेंडिग चल रही हैं। वहीं, दूसरी ओर यूनिवर्सिटी की वित्तीय हालत काफी खराब हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि जत्थेबंदी की ओर से वाइस चांसलर को मांगपत्र दिया जा चुका है। अगर यूनिवर्सिटी जल्द कोई उचित कदम नहीं उठाती तो 15 जुलाई के बाद जत्थेबंदी संघर्ष का रास्ता अपनाएगी। जिसकी जिम्मेदारी यूनिवर्सिटी प्रशासन की होगी। यूनिवर्सिटी की वित्तीय हालत काफी समय से खराब है। विर्क व उनके साथी एडमिस्ट्रेटर का पार्ट भी रहे हैं। फिर क्योंकि यह हालात नहीं सुधरे। वहीं, दूसरी ओर रजिस्ट्रार व विभिन्न पदों पर नियुक्ति वीसी ने ही करनी है। इसमें पुटा का क्या रोल है। हालांकि विर्क ग्रुप के कुछ सदस्य अहम पदों पर काम भी कर रहे हैं।

----गुरनाम विर्क, महासचिव पुटा एसोसिएशन।


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