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पीयू में कभी भी अकादमिक गरीबी नहीं आने देंगे : वीसी

पंजाबी यूनिवर्सिटी को वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है पर यूनिवर्सिटी में कभी भी अकादमिक गरीबी नहीं आई और न ही आने दी जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 16 Sep 2021 11:55 PM (IST)Updated: Thu, 16 Sep 2021 11:55 PM (IST)
पीयू में कभी भी अकादमिक गरीबी नहीं आने देंगे : वीसी
पीयू में कभी भी अकादमिक गरीबी नहीं आने देंगे : वीसी

जागरण संवाददाता, पटियाला : पंजाबी यूनिवर्सिटी को वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है पर यूनिवर्सिटी में कभी भी अकादमिक गरीबी नहीं आई और न ही आने दी जाएगी। ये बात पंजाबी यूनिवर्सिटी में पांच वर्ष बाद हुई सीनेट मीटिंग की अगुआइ करते हुए वाइस चांसलर प्रो. अरविद ने कही। उन्होंने कहा कि अगर पिछड़े वर्ग, लड़कियां व गांव क्षेत्र से संबंधित विद्यार्थियों की पहुंच में उच्च शिक्षा को ले जाने के पैमाने को आधार बनाया जाए तो पंजाबी यूनिवर्सिटी किसी भी रैंकिग में देश की पहली कुछ यूनिवर्सिटीज में शामिल हो जाएगी।

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उन्होंने बताया कि पंजाबी यूनिवर्सिटी द्वारा छह नई किस्म के पांच वर्षीय इंटीग्रेटिड कोर्स शुरू किए गए हैं। इन कोर्सों में विद्यार्थी जहां ग्रेजूएशन स्तर पर ही यूनिवर्सिटी में दाखिल हो सकता है वहीं उसको अपने मुख्य विषय के साथ-साथ अपनी दिलचस्पी वाले किसी भी विषय को पढ़ने की विशेष सुविधा दी गई है। उन्होंने बताया कि खुशी की बात यह है कि एडमिशन में यूनिवर्सिटी को काफी अच्छा रिस्पांस मिल रहा है।

वीसी ने बताया कि पीयू में एक विशेष एंटरप्रिन्योर केंद्र स्थापित करने की भी योजना है। मीटिग के दौरान डा. स्वराजबीर, डा. अरुण ग्रोवर व डा. एसएस मरवाहा को को-आप्ट किया गया। इस दौरान मीटिग में डीपीआई कालेज परमजीत सिंह द्वारा पंजाब में कालेजों की समस्या, उनके सुधार व यूनिवर्सिटीज की भूमिका के सुझावों पर चर्चा की। मीटिग में रजिस्ट्रार डा. वरिदर कौशिक व डीन अकादमिक मामले डा. बलवीर सिंह मौजूद रहे।


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