एक साल में 65 लाख रुपये बैंक ट्रांजेकशन, पुलिस जांच में जुटी
अर्बन इस्टेट स्थित आइसीआइसीआइ बैंक में एक बैंक खाते में साल में ही करीब 65 लाख रुपये की ट्रांजेकशन होने पर पुलिस ने जांच शुरू की है।
जासं, पटियाला : अर्बन इस्टेट स्थित आइसीआइसीआइ बैंक में एक बैंक खाते में साल में ही करीब 65 लाख रुपये की ट्रांजेकशन होने पर पुलिस ने जांच शुरू की है। इस खाते में 29 अगस्त 2014 से लेकर 29 जुलाई 2015 के दौरान 64 लाख 60 हजार रुपए का लेनदेन हुआ। जबकि दूसरे सालों में लेन-देन कुछ खास नहीं है। पुलिस को इतनी बड़ी रकम लॉटरी स्कैम या हवाला राशि होने का शक है।
एक ट्रांसपोर्टर के खाते में इतनी बड़ी रकम का आदान-प्रदान होने पर मामला तुरंत पुलिस महकमे के पास पहुंच गया। चैक करने पर पाया गया कि बैंक खाते में दूसरे वर्षों दौरान कोई खास ट्रांजेकशन नहीं हुई थी। इस मामले की करीब चार साल तक पटियाला पुलिस की इकनॉमिक विग ने पड़ताल करने के बाद खाता धारक अमनदीप सिंह निवासी खालसा मोहल्ला के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। इसकी पुष्टि करते हुए जांच अधिकारी शाम लाल ने बताया कि मामले में पड़ताल के दौरान आरोपित ने पुलिस को कोई जानकारी नहीं दी, जिस वजह से रिकॉर्ड के अनुसार थाना अर्बन इस्टेट में केस दर्ज कर दिया गया। यह ट्रांजेकशन हुई थी बैंक में
पुलिस के अनुसार आरोपित खालसा मोहल्ला में रहता है लेकिन बैंक खाता करीब पांच किलोमीटर दूर अर्बन एस्टेट में खुलवाया था। खाते में 64 लाख 60 हजार रुपये जमा होने के कुछ दिनों बाद ही 56 लाख 97 लाख कैश निकाल लिए गए थे। इसके बाद बारी-बारी 2 लाख 16 हजार रुपये भी एटीएम के जरिए निकाले गए और एटीएम से एक दिन की पूरी लिमिट जितना कैश निकाला गया था। खाते में जमा बाकी पैसा क्लियरिग के लिए रखा गया था लेकिन पुलिस के पास इसकी जानकारी पहुंची तो उन्होंने तुरंत खाता फ्रीज कर जांच शुरू करवा दी थी।
इकनॉमिक्स विग ने आरोपित अमनदीप सिंह को चार साल में लगातार जानकारी मुहैया करवाने व अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया लेकिन आरोपित दो बार ही पेश हुआ। इस दौरान उसने कहा कि वह ट्रकों का ट्रांसपोर्टर है यह पैसा उसी कारण खाते में आया है। सबूत पेश करने को कहा तो आरोपित दोबारा पेशी पर नहीं आया, जिस वजह से केस दर्ज हुआ। पुलिस को लॉटरी स्कैम का शक
पुलिस अधिकारियों ने इतनी बड़ी रकम लॉटरी स्कैम या हवाला राशि का मामला हो सकता है। इसी वजह से तुरंत बैंक खाता फ्रीज कर जांच शुरू कर दी थी। शक है कि उस समय शहर में चल रही आइपीएल सट्टा बाजार के कारण या फिर हवाला राशि के कारण यह रकम बैंक खाते में ट्रांसफर हुई थी।