गली के कुत्तों को लेकर उलझे दो परिवार, सीसीटीवी लगवा अनुसूचित जाति आयोग पहुंचे
पड़ोसियों की ओर से गली के कुत्तों को दूध पिलाने पर छिड़ा विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों परिवारों को सीसीटीवी कैमरे लगाने पड़े।
जागरण संवाददाता, पटियाला : पड़ोसियों की ओर से गली के कुत्तों को दूध पिलाने पर छिड़ा विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों परिवारों को सीसीटीवी कैमरे लगाने पड़े। साढ़े तीन साल में भी इस बारे में तनातनी कम न हुई तो एक परिवार ने जातिसूचक टिप्पणी करने की शिकायत अनुसूचित जाति आयोग से की। शिकायतकर्ता परिवार ने कहा कि पड़ोसी आते-जाते जाति को लेकर कमेंट करते हैं। शिकायत मिलने पर सोमवार को अनुसूचित जाति आयोग के दो सदस्य मामले की जांच करने पटियाला पहुंचे।
बाबा दीप सिंह नगर की निवासी सुनैना ने पंजाब के अनुसूचित जाति आयोग को शिकायत करते हुए कहा कि उनके पड़ोसी आवारा कुत्तों को दूध पिलाते थे। इसी कारण घर के बाहर कुत्ते बढ़ते जा रहे थे। कुत्ते बच्चों को न काट लें, इसलिए उन्होंने पड़ोसियों से कुत्तों को दूध न पिलाने की सलाह दी परंतु वह न माने। इसी वजह से तनातनी रहने लगी और पड़ोसी उनको तंग करने लगे। रंजिशन पड़ोसियों ने एक बार उनके पारिवारिक सदस्यों से मारपीट भी की जिसकी शिकायत थाना अर्बन एस्टेट में दर्ज की गई। इलाके के लोगों ने आपस में सुलह करवाई तो पड़ोसियों ने कुत्तों को दूध न पिलाने पर सहमति दी। समझौते के बावजूद वे अकसर उनके परिवार को कमेंट करते रहते थे और पंगा लेने की कोशिश करते थे। पड़ोसियों के डर से उन्होंने घर के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगाए। हालात न सुधरे तो उन्होंने अनुसूचित जाति आयोग को शिकायत दी। सोमवार को शिकायत की जांच करने के लिए अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य राज कुमार हंस और परमजीत कौर, डीएसपी सिटी-2 सौरव जिदल और तहसीलदार रविदर सिंह अरोड़ा पहुंचे।
उधर, दूसरे पड़ोसी उपिदर सिंह ने बताया कि वह करीबन पांच साल पहले कॉलोनी में आए हैं और उन्होंने कुत्तों को दूध पिलाने से मना किया। वे घर से दूर जाकर कुत्तों को दूध देते रहे परंतु वे बात-बात पर उन पर आरोप लगाते रहे। पड़ोसियों की ओर से लगाए जा रहे आरोपों कारण उन्होंने छह महीने पहले ही सीसीटीवी कैमरे लगाए है। आरोप बेबुनियाद हैं, कालोनीवासियों से पूछताछ की जा सकती है।
..बन चुकी है सिट, 20 नवंबर तक फाइल करनी है रिपोर्ट
अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य राज कुमार हंस और परमजीत कौर ने कहा कि करीब साढ़े तीन साल से परिवारों में विवाद चल रहा है। डीएसपी सौरभ जिदल के मुताबिक केस को लेकर 3 मेंबरों की सिट का गठन किया गया कि जिसमें डीएसपी, दो इंस्पेक्टर जिसमें एक महिला इंस्पेक्टर शामिल है। 15 नवंबर तक जांच को पूरा करना है। 20 नवंबर को आयोग के पास रिपोर्ट सब्मिट करनी है। पुलिस ने लापरवाही दिखाई तो पीड़ित परिवार ने आयोग को शिकायत भेजी है।