मेडिकल कॉलेजों को स्वयं निर्भर बनाने के खिलाफ रोज दो घंटे होगी हड़ताल
पटियाला पंजाब के मेडिकल कॉलेजों को एटॉनाम्स बॉडी बनाने के फैसले के खिलाफ चार मार्च से रोजाना दो घंटे तक कामकाज ठप कर ओपीडी के बाहर हड़ताल व प्रदर्शन करने का फैसला किया है।
जागरण संवाददाता, पटियाला : पंजाब के मेडिकल कॉलेजों को एटॉनाम्स बॉडी बनाने के फैसले के खिलाफ चार मार्च से रोजाना दो घंटे तक कामकाज ठप कर ओपीडी के बाहर हड़ताल व प्रदर्शन करने का फैसला किया है। हड़ताल में पंजाब स्टेट मेडिकल, डेंटल टीचर्स एसोसिएशन, पैरा मेडिकल ज्वाइंट एक्शन कमेटी, मिनिस्टीरियल स्टाफ एसोसिएशन, सरकारी नर्सिग कालेज टीचर एसोसिएशन और दर्जा चार कर्मचारी शामिल हैं।
यूनियन नेताओं के साथ सदस्यों ने मंगलवार को सरकारी मेडिकल कॉलेज में मीटिग कर यह फैसला किया है। पंजाब सरकार के अधीन चल रहे मेडिकल, डेंटल और नर्सिंग कॉलेज और इससे संबंधित अस्पतालों को स्वयं निर्भर बनाने के मुख्यमंत्री के मेडिकल शिक्षा सलाहकार डॉ. केके तलवाड़ के सुझाव को लोग, मरीज, विद्यार्थी, रोजगार के साथ-साथ कर्मचारी विरोधी बताया है। नेताओं ने कहा कि सरकारी मेडिकल कॉलेज, डैंटल कॉलेजों और नर्सिंग कॉलेजों का एटॉनाम्स होना मतलब गरीब जरूरतमंद मरीजों, मेडिकल विद्यार्थियों और संबंधित संस्थाओं के कर्मचारियों के साथ सीधे तौर पर धोखा किया जा रहा है। एटॉनाम्स संस्थाओं को अपने विभाग चलाने के लिए फंड का प्रबंध खुद करना होगा, इसलिए कालेज विद्यार्थियों की फीसों में बढ़ोतरी करेंगे और मरीजों का इलाज महंगा हो जाएगा। इसके साथ ही संस्थाओं में राजनीतिक दखलअंदाजी भी बढ़ जाएगी, जिससे कर्मचारियों के भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लगा रहेगा। अस्पतालों के मुख्य काम प्राइवेट हाथों में चले जाएंगे, कर्मचारियों की रेगुलर भर्ती और कच्चे कर्मचारी के रेगुलर होने के रास्ते बंद हो जाएंगे। नेताओं का कहना है कि 2005 में जब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह की सरकार थी तब भी सरकार ने यह फैसला लिया था और उन्होंने अपने संघर्ष के कारण ही सरकार का फैसला वापस करवाया था। नेताओं में शामिल डॉ. डीएस भुल्लर, डॉ. दर्शनजीत सिंह वालिया, अमरीक सिंह, राम किशन, मनजीत कौर धालीवाल ने एलान किया कि चार मार्च को अब वे रोजाना दो घंटे की हड़ताल करेंगे और ओपीडी के समक्ष धरना प्रदर्शन किया करेंगे। यह क्रम तब तक जारी रहेगा जब तक मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह खुद हस्तक्षेप करके इस फैसले पर रोक नहीं लगाते। इसके दौरान मरीजों सहित स्टाफ सदस्यों को होने वाले परेशानी की जिम्मेवारी डायरेक्टर, खोज और मेडिकल शिक्षा के साथ पंजाब सरकार की होगी।