ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी, प्रदूषण की घटेगी
पटियाला उत्तर रेलवे के अंबाला डिवीजन में विद्युतीकरण का काम पूरा हो गया हैं।
गौरव सूद, पटियाला
उत्तर रेलवे के अंबाला डिवीजन में विद्युतीकरण का काम पूरा हो गया हैं। 62 किलोमीटर लंबी धूरी से जाखल और धूरी से लहरामोहब्बत तक 68 किलोमीटर पर इलेक्ट्रॉनिक इंजन से ट्रेन चलाने की मंजूरी भी दे दी गई। रेलवे के इस कदम से जहां ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी, वहीं डीजल इंजन के कारण बढ़ रहे प्रदूषण पर भी लगाम लगेगी। पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने इसे पर्यावरण के लिए फायदेमंद बताया। पीपीसीबी के माहिरों के अनुसार रेलवे के इंजन में डीजल जलने से बड़े पैमाने पर जानलेवा कण और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड बाहर निकलती हैं जो दमा, ब्रोंकाइटिस, दिल के दौरे और बच्चों में विकास संबंधी समस्या पैदा करती हैं। इसके अलावा डीजल में मौजूद सल्फर नामक धातु सल्फर डाइऑक्साइड पैदा करता हैं जो नाक, गले और सांस की नली में दिक्कत पैदा करता है। इन सभी बीमारियों पर अंकुश लगेगा। रेलवे के इस कदम से ट्रेनों के लेट होने की समस्या भी दूर हो जाएगी, क्योंकि इससे पहले जो गाड़िया धूरी से लहरा मोहब्बत और जाखल जाती थीं उनका धूरी में इंजन इलेक्ट्रिक इंजन से बदलकर डीजल लगाया जाता था। अब इस रूट पर 120 किमी प्रति घंटे तक की गति से ट्रेनें चलेंगी। हवा की गुणवत्ता सुधरेगी : एक्सईएन
पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के एक्सईएन लवनीत दूबे ने बताया कि इलेक्ट्रिफिकेशन होने के कारण हवा की गुणवत्ता पर भी इसका पॉजिटिव प्रभाव पड़ेगा। इसके साथ ही विजिबिलिटी भी बढ़ेगी। डीजल जलने से पार्टीकुलेट मैटर निकलते है जोकि सेहत के लिए काफी नुक्सानदायक है। पर्यावरण के पक्ष में उत्तर रेलवे का सकारात्मक कदम है।