होशियारपुर के आरटीए समेत चारों आरोपितों की गिरफ्तारीअभी नहीं होगी
पातड़ां (पटियाला) पूर्व अकाली विधायक वनिंदर कौर लूंबा के पीए की पत्नी की मौत के बाद हत्या का केस दर्ज होने के बावजूद होशियारपुर के आरटीए व तीन अन्य लोगों की गिरफ्तारी अभी नहीं होगी। जागरण टीम पातड़ां (पटियाला) पूर्व अकाली विधायक वनिंदर कौर लूंबा के पीए की पत्नी की
जागरण टीम, पातड़ां (पटियाला) : पूर्व अकाली विधायक वनिंदर कौर लूंबा के पीए की पत्नी की मौत के बाद हत्या का केस दर्ज होने के बावजूद होशियारपुर के आरटीए व तीन अन्य लोगों की गिरफ्तारी अभी नहीं होगी। पटियाला के एसएसपी मनदीप सिंह सिद्धू ने पुष्टि कर कहा कि मामले की सारी जिम्मेदारी डीएसपी पातड़ां को दी गई है। हत्या का केस दर्ज कर लिया है लेकिन अभी जांच जारी हैं। जांच रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई होगी। उन्होंने साफ किया कि पूरे घटनाक्रम की जांच के लिए किसी तरह की स्पेशल जांच टीम का गठन नहीं किया जा रहा है और न ही पूर्व विधायक ने अभी ऐसी कोई मांग की। उधर पूर्व विधायक के पीए गुरसेवक सिंह व उसकी पत्नी जसदीप कौर की मौत के बाद मंगलवार को गुरसेवक के पिता ईशर सिंह की मौत भी हो गई। वे कुछ समय से बीमार चल रहे थे। बता दें कि जसदीप कौर ने मरने से पहले बनाई वीडियो में आरोप लगाया था कि उसे उसके जेठ व सास ने सल्फास दी। उसे टार्चर करने में पंचायत सदस्य लाल सिंह यादव व पूर्व विधायक लूंबा के पति (आरटीए)करन सिंह का भी हाथ हैं।
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मामले की गहराई तक जाएंगे
गुरसेवक की मौत के बाद परिवार में दो और मौत हो गई। पुलिस मामले की जड़ तक जाएगी। फिलहाल जसदीप की मौत के मामले पर किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई। मामले की जांच जरूरी है।
भरपूर सिंह. डीएसपी पातड़ां। अकाली दल ने दिया धरना, कहा-हत्या का केस सियासत से प्रेरित, इसे रद किया जाए
उधर शिअद ने मंगलवार को डीएसपी पातड़ां के कार्यालय के आगे धरना देकर हत्या के मामले को रद करने की मांग की। चेतावनी दी कि जब तक हत्या का मामला रद नहीं होता, तब तक वे ईशर सिंह का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। शव को सिविल अस्पताल समाना की मोर्चरी में रखवाया गया हैं। धरने में एसजीपीसी सदस्य निर्मल सिंह हरियाऊ ने कहा कि मरहूम अकाली नेता गुरसेवक सिंह और उसकी पत्नी जसदीप कौर की संदिग्ध मौत की जांच गहराई से नहीं हुई। पुलिस ने जसदीप कौर के मामा सतवीर सिंह के बयानों पर चार लोगों पर केस दर्ज किया। ये मामला राजनीति से प्रेरित है। गुरसेवक की मौत के बाद उसकी मां और भाई ने 25 जून को एसएसपी को मामले की जांच करने की अर्जी दी थी लेकिन सत्ताधारी पक्ष ने सियासी रंगत देते हुए चार निर्दोष लोगों पर कत्ल का पर्चा करवा दिया।