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शिक्षा बोर्ड द्वारा फीस का बढ़ाने पर टीचर्ज फ्रंट ने किया विरोध

पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा विभिन्न फीसों में बढ़ोतरी की डेमोक्रेटिक टीचर्ज फ्रंट (डीटीएफ) ने आलोचना की है। फंट का कहना है कि पंजाब सरकार की तरफ से ग्रांट और देनदारियां न जारी करने और बोर्ड में अनावश्यक फिजूल खर्ची में से आए संकट से छुटकारा डालने के लिए बोर्ड ने विद्यार्थियों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ डालने का रास्ता अपनाया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Jun 2019 06:31 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jun 2019 06:31 PM (IST)
शिक्षा बोर्ड द्वारा फीस का बढ़ाने पर टीचर्ज फ्रंट ने किया विरोध
शिक्षा बोर्ड द्वारा फीस का बढ़ाने पर टीचर्ज फ्रंट ने किया विरोध

जागरण संवाददाता, पटियाला : पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा विभिन्न फीसों में बढ़ोतरी की डेमोक्रेटिक टीचर्ज फ्रंट (डीटीएफ) ने आलोचना की है। फ्रंट का कहना है कि पंजाब सरकार की तरफ से ग्रांट और देनदारियां न जारी करने और बोर्ड में अनावश्यक फिजूल खर्ची में से आए संकट से छुटकारा डालने के लिए बोर्ड ने विद्यार्थियों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ डालने का रास्ता अपनाया है। शिक्षा बोर्ड ने मौजूदा शैक्षणिक वर्ष के लिए हर प्रकार की फीस में वृद्धि करके लाखों विद्यार्थियों के व्यापक आर्थिक शोषण की तैयारी कर ली है। बोर्ड की परीक्षाओं में ड्यूटी निभाने पर पेपरों की मार्किंग करने वाले अध्यापकों को भी अभी तक बनते मेहनताने का भुगतान नहीं किया गया है।

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जिक्रयोग्य है कि सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को बोर्ड की तरफ से मुफ्त दी जाती किताबें और एससी बीसी वर्गों के विद्यार्थियों को परीक्षा फीसों में दी जाती छूट के एवज में पंजाब सरकार की तरफ से शिक्षा बोर्ड को लंबे समय से अपेक्षित राशि जारी नहीं की गई है। इस मामले पर डेमोक्रेटिक टीचर्ज फ्रंट (डीटीएफ) पंजाब के राज्य प्रधान अमरजीत शास्त्री और महासचिव दविदर सिंह पूनिया ने अपना पक्ष रखते बताया कि पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की तरफ से सेशन 2019-2020 के लिए जारी की फीसों की लिस्ट में दसवीं और बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों की परीक्षा फीस में एकदम 60 प्रतिशत से और ज्यादा विस्तार कर दिया गया है और एससी बीसी वर्गों के विद्यार्थियों को छूट देने से भी हाथ खींच रही है। इसके इलावा री-अपीयर, अतिरक्ति विषय लेने, दर्जा बढ़ाने, फिर जांच करवाने, स्ट्रीम और विषय बदली करवाने के लिए तयशुदा फीसों में भी वृद्धि कर दी हैं। डुप्लिकेट सर्टिफिकेट लेने और सर्टिफिकेटों की आलोचना करवाने की फीस को 800 रुपए से बढ़ा कर 1500 रुपए प्रति सर्टिफिकेट कर दी है। सर्टिफिकेट में संशोधन करवाने के लिए 3000 रुपए प्रति सर्टिफिकेट वसूलने का फरमान जारी कर दिया गया है। सभी कक्षाओं की रजिस्ट्रेशन, कंटीन्यूएशन और माइग्रेशन की फीसों में वृद्धि की है।

डीटीएफ नेताओं ने फीसों में हुई इस वृद्धि को विद्यार्थी वर्ग के लिए देना असंभव करार दिया है। डीटीएफ नेताओं ने पंजाब सरकार को इस मामले में तत्काल तौर पर दखल देकर इस वृद्धि पर रोक लगा कर विद्यार्थियों को राहत दें और अध्यापकों की बकाया राशि का आधार देरी भुगतान करने के लिए शिक्षा बोर्ड को जल्द हिदायते जारी करनें की पुर•ाोर मांग की है। नेताओं ने कहा कि पंजाब सरकार को अपने चुनावी वायदे अनुसार शिक्षा के लिए आरक्षित बजट में विस्तार करना चाहता है और शिक्षा बोर्ड को जरूरी ग्रांट जारी करनी चाहिएं। इस मौके जरमनजीत सिंह, विक्रम देव सिंह, अतिदर पाल घग्गा, अमनदीप देवीगढ़, अश्वनी अवस्थी, धर्म सिंह सुजापुर, बलवीर चंद लोगोंवाल, गुरमीत, मुकेश आदि मौजूद रहे।

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