छात्रों ने हास्टल की परेशानी हल करवाने के लिए पीयू कैंपस में निकाला मार्च
पंजाबी यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स जत्थेबंदी साझा मोर्चा ने यूनिवर्सिटी को पूर्ण तौर पर खोलने की मांग की जा रही है।
जागरण संवाददाता, पटियाला : पंजाबी यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स जत्थेबंदी साझा मोर्चा ने यूनिवर्सिटी को पूर्ण तौर पर खोलने की मांग की जा रही है। इसी मांग को लेकर वीरवार को स्टूडेंट्स ने वीसी दफ्तर के आगे धरना देकर रोष प्रदर्शन किया। इससे पहले स्टूडेंट्स ने पीयू कैंपस में रोष मार्च निकाला। दोपहर बाद यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार पद को एडिशनल तौर पर संभाल रहे डा. गुरदीप सिंह बत्रा व डीन अकादमिक अमृतपाल कौर को स्टूडेंट्स ने मांग पत्र सौंपा।
इस दौरान पंजाब स्टूडेंट्स यूनियन से वरिदर व स्टूडेंट्स आफा इंडिया से अमृतपाल सिंह ने कहा कि बीती 16 नवंबर से राज्य सरकार ने सभी यूनिवर्सिटी को खोल दिया है। पर यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से सिर्फ फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स को 50-50 करके बुलाया जा रहा है। इस दौरान स्टूडेंट्स को हास्टल की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हास्टल वार्डन की ओर से स्टूडेंट्स को हास्टल में जाने से रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहले समेस्टर की फीस भरने के बावजूद भी पढ़ाई शुरू नहीं हुई ओर यूनिवर्सिटी की ओर से 25 नवंबर तक अगले सेमेस्टर की फीस जमा करवाने की बात कही जा रही है। उन्होंने कहा कि स्टूडेंट्स यूनिवर्सिटी के फीस भरने के फैसले के खिलाफ है और इस फैसले की निदा करते हैं। उन्होंने कहा कि डा. गुरदीप सिंह बत्रा व डीन अकादमिक मामले अमृतपाल कौर की ओर से स्टूडेंट्स की मांगों को हल करने का भरोसा दिया गया है। अगर इसके बाद भी यूनिवर्सिटी प्रशासन ने स्टूडेंट्स की मांगों को हल नहीं किया तो स्टूडेंट्स जत्थेबंदियां अपने संघर्ष को ओर बड़ा रूप देगी। जिसकी जिम्मेदारी यूनिवर्सिटी प्रशासन की होगी। प्रशासनिक अधिकारियों को मांग पत्र देने के बाद स्टूडेंट्स ने खुद अपने हास्टल के कमरों को खोल लिया। गेस्ट फैकल्टी अध्यापकों का मामला हल करने को कमेटी गठित
पिछले लंबे समय से वीसी दफ्तर के आगे धरने पर बैठे गेस्ट फैकल्टी अध्यापकों का मामला हल करने को यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कमेटी गठित कर दी है। अध्यापक यूनियन के प्रधान गुरदास सिंह ने कहा कि अधिकारियों ने मांगें पूरी करने के लिए कमेटी गठित की सिडीकेट की आस में मांगें पूरी कर दी है। वहीं 12 महीने की सेलरी एक हफ्ते के भीतर जारी करने का भरोसा दिया गया है। यूनिवर्सिटी प्रशासन के इस भरोसे के बाद अध्यापक यूनियन ने धरना खत्म कर दिया है। अगर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने समय पर सैलरी जारी न की तो यूनियन अपने संघर्ष को ओर बड़ा रूप देगी।