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श्रीराम व हनुमान भक्तों ने की दीपमाला, शहर के मंदिर सजे

पटियाला अयोध्या में बुधवार को श्रीराम मंदिर भूमिपूजन के लिए पटियालवियों ने मंगलवार को दीपमाला की। वहीं श्रीराम भक्तों सहित मंदिरों में तैयारियां कर ली हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 Aug 2020 12:29 AM (IST)Updated: Wed, 05 Aug 2020 12:29 AM (IST)
श्रीराम व हनुमान भक्तों ने की दीपमाला, शहर के मंदिर सजे
श्रीराम व हनुमान भक्तों ने की दीपमाला, शहर के मंदिर सजे

जागरण संवाददाता, पटियाला : अयोध्या में बुधवार को श्रीराम मंदिर भूमिपूजन के लिए पटियालवियों ने मंगलवार को दीपमाला की। वहीं, श्रीराम भक्तों सहित मंदिरों में तैयारियां कर ली हैं। शहर के मंदिर सजाए जा रहे हैं, दीपमाला करने व मिठाई बांटने का इंतजाम कर लिया गया है। इसके साथ ही श्रद्धालु ढोल की थाप पर भी खुशी जताएंगे।

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इसी कड़ी में शिवसेना बालठाकरे के कार्यकारी प्रधान हरीश सिगला ने रामसेवक श्री हनुमान मंदिर राजपुरा रोड में दीये जलाकर खुशी जाहिर की। हरीश सिगला ने भगवान राम और हनुमान जी के भक्तों को संबोधित करते हुए कहा आखिर वो वक्त आ गया है, जिसका सभी हिदुओं को कई सालों से इंतजार था। इस अवसर पर लाहौरी सिंह, भरतदीप ठाकुर, एडवोकेट अमन गर्ग, कोमल सिगला, शंकर भारद्वाज, करुण कौरव, सौरव जैन, टिक्का राज संन्यासी दंतर, अमरजीत गोल्डी, रमनदीप हैप्पी, गौरव वर्मा, अजय कुमार, कृष्णन पवन वोहरा, विक्की सिगला, सुनील मित्तल, राहुल सरीन, आरके संन्यासन, सुचिया राम, प्रदीप यादव, संजीव कौशल, कमल बजाज, तरुण, राजकुमार, विनोद गुप्ता मौजूद रहे। श्रीराम हनुमान सेवा दल ने किया कीर्तन

श्री राम हनुमान सेवा दल ने श्री काली देवी मंदिर के प्रांगण में श्री हनुमान चालीसा पाठ का किया और बुधवार को मंदिर के निर्माण कार्य शुरू होने की खुशी में भजन कीर्तन किया। इस बार व्यास पीठ पर बहन कमला बजाज ने धार्मिक श्रंखला को आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा कि बुधवार को वो शुभ घड़ी आ रही है, जिसके लिए हिदू समाज ने बहुत ही लंबा इंतजार किया है। शिवसेना हिदुस्तान के राष्ट्रीय प्रमुख पवन गुप्ता ने कहा श्री राम हनुमान सेवा दल बुधवार शाम को हिदू समाज के लोग अपने घरों को दीपावली की तरह सजाएंगे। उन्होंने हजारों कारसेवकों को प्रणाम किया जिन्होंने श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन के दौरान जेल काटी और अपने प्राणों का बलिदान किया। इस अवसर पर शमाकांत पांडे, राजेश कौशिक, एडवोकेट पंकज गौड़, अमरजीत बंटी, जगदीश रायका, बद्री प्रसाद, श्रीचंद शर्मा, राजकुमार बिट्टू, बलराम शर्मा, नीलम शर्मा, वर्षा रानी, शीला देवी, सुनीता रानी, रक्षा देवी, रानू देवी, रजत कुमार राम हनुमान सेवा दल के सभी सेवादार उपस्थित रहे। फोटो -- 46

लोगों को बांटेंगे 1200 दीये

त्रिपड़ी टाउन स्थित हनुमान मंदिर में बुधवार को दीपमाला की जाएगी और लोगों को 1200 दीये बांटे जाएंगे। विनय शर्मा के मुताबिक सुबह सात बजे हवन होगा, फिर हनुमान जी को सिदूर चढ़ाकर चोला डाला जाएगा। पंडित गोवर्धन शर्मा के मुताबिक श्री राम जी का मंदिर निर्माण होना जहां कोरोना को खत्म करने लिए लाभदायक साबित होगा वहीं श्री राम भक्त भी काफी खुश डालेंगे। इसी कड़ी में आज मंदिर के महिला मंडल की सदस्यों सुनीता रानी, लीला रानी व मधु धवन ने मंदिर को सजाया है। फोटो -- 43

जोड़ियां भट्ठियां में जलाएंगे दीप

भाजपा के जिला सचिव वरुण जिदल ने बताया कि 5 अगस्त को वे उनके साथी अपने घरों में दीपमाला करेंगे। इसके साथ ही वे जोड़ियां भट्ठियां श्री राम लीला मंच के पास दीप जलाकर व ढोल की थाप पर खुशी जताएंगे। इसके बाद वे मिठाई बांटेंगे। इससे पहले वे श्री राम लीला 14 वर्षों के बाद जोड़ियां भटिठ्यां में शुरू कर चुके हैं, जिसने पंजाब में पहला स्थान हासिल किया। फोटो - 47

श्री राम जन्मभूमि आंदोलन में एसके देव ने 26 दिन जेल काटी

जागरण संवाददाता, पटियाला : श्री राम जन्मभूमि के लिए हुए आंदोलन में भाजपा के एसके देव ने अपने साथियों समेत सक्रिय भूमिका निभाते हुए उत्तर प्रदेश की सीतापुर जेल में 26 दिन तक बंदी रहे। श्री राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान अनेकों बार अयोध्या गए और वर्ष 1990 में जेल काटी। एसके देव ने बताया वे पहली बार 9 नवंबर 1989 में अपने साथी अरविद भाटिया, राजेंद्र मित्तल, इंद्र कुमार व दूसरे साथियों के साथ अयोध्या गए थे। उसके बाद वर्ष 1990 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अधिकारी उमेंद्र दत्त के नेतृत्व में साथियों के साथ अयोध्या पहुंचे, लेकिन राज्य सरकार ने उन्हें रोकने के लिए बंदी बना लिया। श्री देव ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने उनके साथ उमेंद्र दत्त, धर्मवीर शर्मा, इंद्र कुमार, ललित बजाज, नीरज अग्रवाल और कई साथियों को 26 दिन तक उत्तर प्रदेश के सीतापुर जेल में रखा, लेकिन फिर भी उनका हौसला पस्त नहीं हुआ। वे उसके बाद भी अयोध्या पहुंचे।

उसके बाद 15 नवंबर 1992 को एक बार फिर वे अपने साथी अरविद भाटिया, पूरन चंद ढींगरा, रजनीश शर्मा, सुनील जोशी और अन्य साथियों के साथ अयोध्या पहुंचे और 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराने में सक्रिय भूमिका निभाई।


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