सैफी के हक में पहुंचे सनौर के विधायक
पटियाला पंजाबी यूनिवर्सिटी में कैंटीन मालिकों व विद्यार्थियों के बीच चल रहा विवाद राजनीतिक रूप लेता जा रहा है।
जागरण संवाददाता, पटियाला : पंजाबी यूनिवर्सिटी में कैंटीन मालिकों व विद्यार्थियों के बीच चल रहा विवाद राजनीतिक रूप लेता जा रहा है। इसी मामले को लेकर वीरवार को सनौर के विधायक हरिदरपाल सिंह चंदूमाजरा स्टूडेंट्स यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (सैफी) के हक में उतर आए। यूनिवर्सिटी में मीडिया से बात करते हुए चंदूमाजरा ने कहा कि यूनिवर्सिटी प्रशासन को कैंटीनों की ई-टेंडरिग करवानी चाहिए। काफी समय से प्रशासन बार-बार पुराने व्यक्तियों को ही कैंटीनों का ठेका देता जा रहा है। जिसका खामिआजा स्टूडेंट्स को महंगे दाम पर सामान की खरीद कर भुगतना पड़ रहा है। उधर, यूनिवर्सिटी प्रशासन इस मामले पर चुप बैठा है। खामिआजा कैंटीन मालिकों को भुगतना पड़ रहा है। कैंटीन खुलवाने का दबाव बना रही अथॉरिटी
सैफी के कैंपस के प्रधान यादविदर सिंह यादू ने कहा कि यूनिवर्सिटी अथॉरिटी जत्थेबंदी को कैंटीन खुलवाने का दबाव डाल रही है। जत्थेबंदी यूनिवर्सिटी के किसी भी दबाव में नहीं आएगी, जब तक ई-टेंडरिग नहीं करवाई जाती, विरोध जारी रखेगी। विद्यार्थियों ने कहा कि कैंटीनों में महंगे दाम पर स्टूडेंट्स को सामान बेचा जा रहा है। यूनिवर्सिटी अथॉरिटी भी काफी समय से चुप बैठी है। जब तक यूनिवर्सिटी इस मामले पर सख्ती नहीं करती, तक यह प्रदर्शन जारी रहेगा। इस दौरान सैफी जत्थेबंदी ने एग्जामिनेशन ब्रांच के नजदीक स्टूडेंट्स के लिए चाय का लंगर लगाया। मौजूदा समय में महंगाई हद से ज्यादा बढ़ चुकी है
पंजाबी यूनिवर्सिटी में बंद करवाई कैंटीन मामले में कैंटीन मालिकों के हक में कैंपस के बाकी दुकानदार भी उतर आए। वीरवार को सभी दुकानदारों ने अपनी-अपनी दुकानें बंद रखी। दुकानदारों ने बताया कि मौके पर सिक्योरिटी गार्ड्स होने के बाद भी स्टूडेंट्स ने जबरन कैंटीन बंद करवाई। कैंटीन में बंद पड़ा सामान खराब हो रहा है, जिसका कौन जिम्मेदार है। इस दौरान दुकानदार महिदर सिंह, जसपाल सिंह, पंकज, कपिल पोपली, कृष्ण कुमार, भगवान दास, नितिन गोयल, केवल कृष्ण सिगला, मुनीश गर्ग, विनोद मदान, राजीव गर्ग व अमरप्रीत ने कहा कि मौजूदा समय में महंगाई हद से ज्यादा बढ़ चुकी है। जिसके चलते हर सामान महंगा हो गया है। उन्होंने कहा कि कैंटीनों में न कोई सैंपल भरे गए और न ही अथॉरिटी द्वारा कोई गंदगी का जायजा लिया गया। स्टूडेंट्स को कहां सफाई का बुरा हाल दिख गया। अपनी मर्जी से कैंटीनों को बंद करवाना शुरू कर दिया। दुकानदारों ने कहा कि उन्होंने मौजूदा रेट लिस्ट यूनिवर्सिटी प्रशासन को दे दी है। अधिकारियों का कहना है कि इस रेटलिस्ट को लेकर स्टूडेंट्स से बात करके ही अगली कार्रवाई की जाएगी।