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रेजिडेट्स डाक्टरों को मिला पंजाब स्टेट मेडिकल डेंटल टीचर्स एसो. का समर्थन

यूनियन आफ रेजिडेंट्स डाक्टर पंजाब के आह्वान पर रेजिडेट्स डाक्टरों ने वीरवार को भी अपनी हड़ताल जारी रखी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Dec 2021 05:50 PM (IST)Updated: Thu, 02 Dec 2021 05:50 PM (IST)
रेजिडेट्स डाक्टरों को मिला पंजाब स्टेट  मेडिकल डेंटल टीचर्स एसो. का समर्थन
रेजिडेट्स डाक्टरों को मिला पंजाब स्टेट मेडिकल डेंटल टीचर्स एसो. का समर्थन

जागरण संवाददाता, पटियाला : यूनियन आफ रेजिडेंट्स डाक्टर पंजाब के आह्वान पर रेजिडेट्स डाक्टरों ने वीरवार को भी अपनी हड़ताल जारी रखी। इस दौरान डाक्टरों ने ओपीडी के आगे धरना लगाकर राज्य सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन कर नारेबाजी की। डाक्टरों की हड़ताल के चलते वीरवार को भी ओपीडी सेवाएं ठप रही। हालांकि इस दौरान डाक्टरों ने आपरेशन थियेटर की सेवाएं भी बंद करनी थी, पर सरकार द्वारा कमेटी को तीन दिसंबर तक का समय दिया गया है, तो इसके चलते आपरेशन थियेटर सेवाओं को बंद नहीं किया गया। रेजिडेंट्स डाक्टरों की हड़ताल को आज पंजाब स्टेट मेडिकल डेंटल टीचर्स एसोसिएशन ने भी समर्थन दिया। एसोसिएशन के प्रधान डा. बीएस भुल्लर व महासचिव डा. डीजेएस वालिया ने सरकार से रेजिडेंट्स डाक्टरों की मांग पूरी करने के लिए अपील की।

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उधर, ओपीडी सेवाएं ठप रहने से राजिदरा अस्पताल में आने वाले लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। हालांकि इस दौरान सीनियर डाक्टरों द्वारा मरीजों का चेकअप किया गया। यूनियन आफ रेजिडेंट्स डाक्टर पंजाब के प्रधान डा.अनिल रवीश कहा कि एसोसिएशन द्वारा पहले ओटी की सेवाओं को ठप करने का मन बनाया था। पर सरकार ने कमेटी को तीन दिसंबर तक एसोसिएशन की मांगें पूरी करने का समय मांगा है। जिसके चलते आपरेशन थियेटर सेवाओं को ठप नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि अगर शुक्रवार को भी सरकार ने एसोसिएशन की मांगों को पूरा करने के लिए जल्द कोई उचित कदम न उठाया तो एसोसिएशन द्वारा अपने संघर्ष को बड़ा रूप दिया जाएगा। जिसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के कारण नीट पीजी 2021 में विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश में काफी देरी हो गई है। कोविड और गैर-कोविड दोनों सेवाएं लगातार दे रहे हैं। पहले से ही विलंबित नीट पीजी 2021 काउंसलिग के मामले में सर्वोच्च न्यायालय की कार्रवाई के कुछ पाजिटिव रिजल्ट की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन उनको कोई राहत नहीं मिली है। अब अगली सुनवाई 6 जनवरी, 2022 को होगी। जबकि रेजिडेंट डाक्टर हेल्थ संबंधी बुनियादी ढांचे की रीढ़ की हड्डी हैं और डाक्टरों ने महामारी की पहली दूसरी लहर दोनों को कुशलतापूर्वक कोविड की लड़ाई लड़ी है।


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