वीसी चाहे कोई हो पर ग्रांट से ही सुलझेगा पीयू का वित्तीय संकट
वाइस चांसलर डा. बीएस घुम्मण के इस्तीफे के बाद वीरवार को पंजाबी यूनिवर्सिटी (पीयू) में चर्चा रही कि आखिर यूनिवर्सिटी की वित्तीय स्थिति कैसे सहज होगी। इस दौरान यही सामने आया कि यूनिवर्सिटी का वित्तीय संकट सुलझाने के लिए राज्य सरकार को ही ग्रांट जारी करनी होगी।
जागरण संवाददाता, पटियाला :
वाइस चांसलर डा. बीएस घुम्मण के इस्तीफे के बाद वीरवार को पंजाबी यूनिवर्सिटी (पीयू) में चर्चा रही कि आखिर यूनिवर्सिटी की वित्तीय स्थिति कैसे सहज होगी। इस दौरान यही सामने आया कि यूनिवर्सिटी का वित्तीय संकट सुलझाने के लिए राज्य सरकार को ही ग्रांट जारी करनी होगी। ए क्लास अफसर एसोसिएशन के प्रधान गुरिदरपाल सिंह बब्बी ने कहा कि सरकार चाहे किसी को भी वीसी लगाए, पर जब तक 300 करोड़ की ग्रांट जारी नहीं होती, तब तक यूनिवर्सिटी का वित्तीय संकट बना रहेगा। उन्होंने कहा कि मुलाजिमों को हर महीने समय पर सेलरी नहीं मिल रही। साथ ही गेस्ट फैकल्टी अध्यापकों को आठ महीने से सेलरी नहीं मिली है। पेंशनर्स को माह गुजर जाने के बाद भी पेंशन जारी नहीं हो रही। इसका कारण यूनिवर्सिटी के पास पैसा न होना है। इस्तीफा देने के अलावा वीसी आखिर क्या करते, क्योंकि सरकार ग्रांट जारी नहीं कर रही थी। दिन-प्रति-दिन वीसी के लिए यहां परेशानियां बढ़ती जा रही थीं। यूनिवर्सिटी का वित्तीय संकट गंभीर होता जा रहा
पंजाबी यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन के प्रधान डा. निशान सिंह देयोल ने कहा कि यूनिवर्सिटी का वित्तीय संकट गंभीर होता जा रहा है। सरकार यूनिवर्सिटी की मदद करने को तैयार नहीं, जिसका खमियाजा मुलाजिमों को भुगतना पड़ रहा है। मुलाजिमों को समय पर सेलरी तक नहीं मिल रही। फंड न मिलने के कारण यूनिवर्सिटी की सड़कों की हालत खस्ता हो चुकी है। इसलिए जरूरी है कि सरकार यूनिवर्सिटी को तुरंत विशेष ग्रांट जारी करे। यूनिवर्सिटी सीएम सिटी की तो सीएम ही लगाएंगे वीसी : तृप्त
पंजाबी यूनिवर्सिटी के वीसी डा. बीएस घुम्मण के इस्तीफे के बाद इस पद को कौन संभालेगा, की चर्चा मुलाजिमों में पूरा दिन रही। हालांकि उच्चशिक्षा मंत्री तृप्त राजिदर बाजवा का कहना है कि यूनिवर्सिटी सीएम के शहर की है और वीसी पद पर नियुक्ति करने का अधिकार भी सीएम के पास है। बाजवा ने कहा कि डा. बीएस घुम्मण एक अच्छे इन्सान हैं। लंबे समय से यूनिवर्सिटी वित्तीय संकट में चल रही है और इस वित्तीय संकट को राज्य सरकार ही दूर करेगी।
बैठक में की चर्चा
रजिस्ट्रार दफ्तर में डा. गुरदीप सिंह बत्रा से विभिन्न अधिकारियों ने मीटिग की। डा. बत्रा सहित किसी भी अधिकारी ने वीसी के इस्तीफे के मामले पर चुप्पी साधे रखी। डा. बत्रा का कहना था कि बुधवार दोपहर तक उनकी वीसी से बात होती रही। गेस्ट फैकल्टी अध्यापकों का मामला भी वीसी डा. घुम्मण ने हल किया, पर वीसी ने अपने इस्तीफा देने के मामले पर कोई चर्चा नहीं की। आइएएस अधिकारी की नियुक्ति न होने पर जानी नहीं हुई ग्रांट
जानकारी अनुसार राज्य सरकार ने जुलाई में यूनिवर्सिटी को 20 करोड़ की ग्रांट जारी की थी। साथ ही यह कहा था कि नियुक्त किए आनरेरी एडवाइजर व आइएएस अधिकारी को बीती अगस्त के पहले हफ्ते में होने वाली मीटिग में साथ लेकर आएं। यहां यूनिवर्सिटी प्रशासन ने रिटायर्ड आइएएस अधिकारी मनजीत सिंह नारंग की आनरेरी एडवाइजर के तौर पर नियुक्ति तक नहीं करवाई। इसके बाद ग्रांट का दूसरा भाग 20 करोड़ जारी नहीं हुआ और न ही विभागीय अधिकारियों ने मीटिग बुलाई।