पंजाबी यूनिवर्सिटी का वित्तीय संकट एडमिशन बढ़ाकर दूर करने की तैयारी
पटियाला पंजाबी यूनिवर्सिटी का वित्तीय संकट दूर करने के लिए मुख्य उपाय यूनिवर्सिटी में एडमिशन बढ़ाना माना गया है।
जागरण संवाददाता, पटियाला :
पंजाबी यूनिवर्सिटी का वित्तीय संकट दूर करने के लिए मुख्य उपाय यूनिवर्सिटी में एडमिशन बढ़ाना माना गया है। इस पर सहमति वीरवार को पंजाबी यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट और हायर एजूकेशन विभाग के अधिकारियों के बीच हुई बैठक में जतायी गई। इसके साथ ही विद्यार्थियों के लिए और ज्यादा बेहतर कोर्सिज शुरू करने पर भी चर्चा हुई, ताकि एडमिशन बढ़ाने का उद्देश्य हासिल किया जा सके। मीटिग में यूनिवर्सिटी अधिकारियों ने हायर एजुकेशन महकमे से कांस्टीट्यूएंट कॉलेजों का फंड जोकि सरकार की ओर से पेंडिग है, को जारी करने की मांग रखी। मीटिग में वाइस चांसलर के अलावा डीन अकादमिक मामले, रजिस्ट्रार, डीन (कॉलेज) और फाइनांस अफसर ही शामिल हुए थे। अकादमिक ढांचा सही होगा, तभी सुधरेंगे वित्तीय हालात
डिप्टी डीपीआइ डॉ. गुरदर्शन सिंह बराड़ ने कहा कि अगर यूनिवर्सिटी का अकादमिक ढांचा सही होगा, तो यूनिवर्सिटी की वित्तीय हालत भी सही हो जाएगी। डॉ. बराड़ ने बताया कि मीटिग में यूनिवर्सिटी व इसके कॉलेजों में एडमिशन कैसे बढ़ाई जाए, पर चर्चा की गई, क्योंकि एडमिशन से ही यूनिवर्सिटी की आमदन में बढ़ोतरी होगी। साथ ही स्टूडेंट्स की बेहतरी के लिए कौन-कौन से कोर्स शुरू किए जा सकते है, पर भी यूनिवर्सिटी अधिकारियों से सुझाव लिए गए। रही बात कांस्टीट्यूट कॉलेजों के फंड की तो यह पैसा जारी करने के लिए सरकार उचित कदम उठा रही है। स्कॉलरशिप का पैसा हायर एजूकेशन विभाग ने नहीं देना। यह वेलफेयर डिपार्टमेंट ने जारी करना है। इसके लिए सरकार को पत्र लिख दिया है।
फर्जी सर्टिफिकेट मामले में 15 जुलाई को पेशी
सैफी जत्थेबंदी के पूर्व प्रधान हरविदर सिंह संधू ने यूनिवर्सिटी में फर्जी सर्टिफिकेट मामले में कोर्ट केस कर रखा है। हालांकि इससे पहले संधू ने यूनिवर्सिटी प्रशासन के पास भी शिकायत दी। कार्रवाई न होने के चलते कोर्ट केस किया गया। इस मामले पर हाईकोर्ट में 15 जुलाई को पेशी है। संधू के अनुसार मामले में यूनिवर्सिटी व हायर एजूकेशन विभाग के अधिकारियों ने भी जवाब देना है। -पिछले करीब एक साल से यूनिवर्सिटी की वित्तीय हालत खराब बनी हुई है।
-हर माह यूनिवर्सिटी को करीब 30 करोड़ रुपये की जरूरत रहती है।
-सरकार से हर महीने आठ करोड़ 74 लाख रुपये की ग्रांट मिलती है। किरीब दो माह से यह ग्रांट समय पर नहीं मिल रही।
-चार साल से मुलाजिमों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा। 2017 में इन मामलों संबंधी वीसी को दी थी शिकायत
-एससीबीसी फर्जी सर्टिफिकेट से नौकरी लेने का मामला
-कांस्टीट्यूट कॉलेजों में नियमों का उल्लंघन कर भर्ती प्रक्रिया
-बिना नेट पास किए 65 अध्यापकों की नियुक्ति का मामला
-एग्जामिनेशन ब्रांच में सॉफ्टवेयर खरीद मामला
-एग्जामिनेशन ब्रांच में पेपर खरीद मामला
-एंटीक फर्नीचर बेचने का मामला इनक्वायरी रिपोर्ट पर कार्रवाई के लिए सिंडिकेट की होगी बैठक
मीटिग में पंजाबी यूनिवर्सिटी अधिकारी यूनिवर्सिटी में हुए घपलों की इनक्वायरी रिपोर्ट के दस्तावेज भी लेकर गए थे। इन सभी मामलों की जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई लंबित है। मीटिग में इनक्वायरी रिपोर्ट को लेकर चर्चा हुई। इसमें यूनिवर्सिटी को कार्रवाई न होने के बारे में पूछा गया। इनक्वायरी रिपोर्ट पर कार्रवाई के लिए अधिकारियों ने यूनिवर्सिटी को सिडिकेट की मीटिग बुलाने को भी कहा।