पीआरटीसी को हड़ताल से पांच दिन में सात करोड़ का नुकसान
पेप्सू रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (पीआरटीसी) के कचे मुलाजिमों की हड़ताल से पीआरटीसी को पांच दिन में सात करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है।
जागरण संवाददाता, पटियाला : पेप्सू रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (पीआरटीसी) के कच्चे मुलाजिमों की हड़ताल से पीआरटीसी को पांच दिन में सात करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है। हालत यह है कि हड़ताल के दौरान 800 बसें अड्डे में से बाहर नहीं निकली हैं। पीआरटीसी को प्रतिदिन करीब 1.40 करोड़ का नुकसान हो रहा है। इस समय पीआरटीसी के 2500 कच्चे कर्मी मौजूदा समय में हड़ताल पर हैं।
गौर हो कि कच्चे मुलाजिम पक्का करने की मांग को लेकर छह सितंबर से अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल पर हैं। चार दिन से 2500 मुलाजिम हड़ताल पर हैं और शुक्रवार हड़ताल का पांचवां दिन है। इस समय अहम रूटों पर बसें भी नहीं चल रही हैं। पीआरटीसी की रोजाना 1.40 करोड़ रुपये आमदन हो रही थी जो कम होकर मात्र 33 लाख रुपये प्रति दिन पर आ गई है। रोजाना हो रहे वित्तीय नुक्सान को देखते हुए कच्चे मुलाजिम मुहैया करवाने वाली ठेका एजेंसी को पीआरटीसी ने कड़ी चेतावनी जारी की है। सभी नौ डिपो मैनेजरों को कहा है वे उनके डिपो में दे रहे ठेका कर्मियों के बारे में उनको चेतावनी पत्र जारी करें कि उनको हड़ताली कर्मियों के स्थान पर अन्य मुलाजिम मुहैया करवाए जाएं, नहीं तो बनती कार्रवाई की जाएगी। साथ ही यह भी कहा गया है कि एजेंसी की तरफ से पहले हड़ताल पर गए मुलाजिमों को काम पर वापस बुलाया जाए।
पीआरटीसी के चेयरमैन केके शर्मा ने कहा कि हड़ताल पर गए मुलाजिम नेताओं ने उनके साथ की मीटिग के दौरान 2500 रुपये तक वेतन बढ़ाने की मांग की थी जिस पर मैनेजमेट ने कहा था कि अगर वे हड़ताल खत्म करके काम पर लौट आते हैं तो एक अक्टूबर से उनका वेतन बढ़ा दिया जाएगा, परंतु मुलाजिम बाद में नौकरी पक्की करने की मांग पर अड़ गए। उन्होंने कहा कि वेतन बढ़ाना उनके हाथ में है परंतु नौकरी पक्की करने का फैसला सरकारी स्तर पर लिया जाना है। चेयरमैन ने कहा कि मुलाजिमों को हड़ताल खत्म करके काम पर लौटना चाहिए और बाकी मांगों पर सरकार स्तर पर बातचीत जारी रखनी चाहिए।