पूरा नहीं हुआ 90 एकड़ में आनज मंडी बनाने का वादा
शहर की अनाज मंडी में कम जगह आढ़ती और किसानों के लिए परेशानी बनी रहती है। यह अनाज मंडी बहुत पुरानी है।
राजपाल सिगला, (पातड़ां) पटियाला
शहर की अनाज मंडी में कम जगह आढ़ती और किसानों के लिए परेशानी बनी रहती है। यह अनाज मंडी बहुत पुरानी है। अनाज मंडी पातड़ां से जाखल रोड और पातड़ां से नरवाना रोड यह दोनों ही साथ लगती हैं। यह दोनों ही रोड अनाज मंडी से बहुत ही ऊंचे होने के कारण अनाज मंडी बहुत नीचे हो गई है। अनाज मंडी को लेकर आढ़ती और किसान फसल के खराब होने सहित बरसाती पानी से परेशान रहते हैं। इनकी समस्याओं को लेकर पिछली विधानसभा चुनाव के समय परनीत कौर ने विश्वास दिलवाया था कि लोगों की समस्याएं को देखते हुए शहर से बाहर गांव हामझेड़ी दुताल और न्याल के पास करीब 90 एकड़ •ामीन पर एक अनाजमंडी तैयार की जाएगी जिससे ऐसी समस्या से राहत मिलेगी।
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नेताओं की खींचतान की भेंट चढ़ी नई मंडी
नेताओं की आपसी खींचतान को लेकर यह अनाज मंडी चालू है लेकिन नई अनाज मंडी लोगों को नहीं मिली। यदि किसानों की बात की जाए जिससे फसल जब अनाज मंडी में आ जातीं हैं तो थोड़ी सी बरसात के साथ उनकी फसल खराब हो जातीं है और फसल जल्दी बिकने वाली होती है उसे सप्ताह से अधिक समय भी बिकने में लग जाता जाता है।
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बरसात में झेलनी पड़ती है परेशानी:पुनीत
पातड़ां शहर के आढ़ती पुनीत कुमार ने कहा कि शहर की अनाज मंडी के पास निकलने वाली रोड ऊंची होने के कारण अनाज मंडी काफी नीची हो गई है। इसके साथ जितनी फसल अनाज मंडी में आती है उसके लिए यह अनाज मंडी बहुत छोटी है। यदि बरसात हो जाए तो मंडी में पड़ा अनाज बरसात के पानी में खराब हो जाता है। फसल जल्द बिकती नहीं और मंडी में पड़ी रहती है। अनाज की संभाल के लिए मंडी में जगह कम होने के कारण शहर से आढ़तियों को अपने तौर पर बाहर किराये पर जगह लेकर फसल का प्रबंध करना पड़ता है। तब जाकर किसानों की फसल संभाली जाती है। बेशक सरकार ने शहर से बाहर बड़ी अनाज मंडी बनाने का विश्वास दिया था, परंतु अभी तक कोई बात सिरे नहीं चढ़ी है।
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सरकारों ने अब तक वादे ही किए:हरभजन
किसान हरभजन सिंह बुरड़ ने कहा कि शहर की अनाज मंडी में जगह कम और निचले स्तर की होने के कारण किसान और आढ़तियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हम सरकार की हिदायत के अनुसार फसल को सूखी लेकर मंडी में जाते हैं, परंतु थोड़ी बरसात के साथ ही फसल खराब हो जाती है। फिर फसल को सरकार तो क्या व्यापारी भी खरीदने के लिए तैयार नहीं होता। सरकार ने वादा किया था कि नजदीक पड़ते गांव हामझेड़ी और दुताल के पास बड़ी अनाज मंडी का प्रबंध करके इन इलाको के किसानों और आढ़तियों की परेशानी को दूर किया जाएगा। परंतु अभी तक कोई हल नहीं हुआ।