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पहली बार सीवरेज लाइन में गोबर फेंकने वाले पर निगम ने दर्ज करवाया केस

सीवरेज लाइनों में गोबर गिराने वाले एक डेयरी संचालक के खिलाफ निगम के ज्वाइंट कमिश्नर लाल विश्वास की ओर से शिकायत देकर फौजदारी का केस दर्ज करवाया गया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Feb 2021 07:06 PM (IST)Updated: Wed, 24 Feb 2021 07:06 PM (IST)
पहली बार सीवरेज लाइन में गोबर फेंकने 
वाले पर निगम ने दर्ज करवाया केस
पहली बार सीवरेज लाइन में गोबर फेंकने वाले पर निगम ने दर्ज करवाया केस

जागरण संवाददाता, पटियाला : सीवरेज लाइनों में गोबर गिराने वाले एक डेयरी संचालक के खिलाफ निगम के ज्वाइंट कमिश्नर लाल विश्वास की ओर से शिकायत देकर फौजदारी का केस दर्ज करवाया गया है। सफाई व्यवस्था में सहयोग न करने पर निगम के इतिहास में ये पहला मामला है। उधर, मेयर संजीव शर्मा बिट्टू ने संकेत दिए हैं कि वह सफाई व्यवस्था में सहयोग न करने वालों पर और सख्ती करने की सिफारिश करेंगे। ज्वाइंट कमिश्नर लाल विश्वास ने बताया कि तवकली मोड़ के पास स्थित कनेरिया मोहल्ले के मकान नंबर 798 के मालिक कंवलजीत सिंह पुत्र प्रताप सिंह के खिलाफ एफआइआर नंबर 61 में पब्लिक प्रापर्टी प्रवेंशन आफ डैमेज एक्ट 1985 के तहत केस दर्ज करवाया गया है। मामले में आरोपित डेयरी संचालक को पांच हजार रुपये तक का जुर्माना या पांच साल कैद हो सकती है।

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मेयर संजीव शर्मा बिट्टू और निगम कमिश्नर पूनमदीप कौर ने डेयरी संचालकों को कई बार आगाह किया वह सीवर लाइन या नालियों में गोबर न गिराएं। पंजाब सरकार की नई नोटीफिकेशन के अनुसार निगम की सेनेटरी टीम ने सड़क पर कचरा गिराने वाले को एक हजार रुपये और नाली या सीवर मैनहोल में कचरा गिराने पर पांच हजार रुपये तक का चालान करना शुरू कर दिया है। फरवरी के पहले 22 दिन में निगम 80 लोगों के चालान कचरा सड़क पर गिराने को लेकर चालान कर चुका है।

मेयर ने कहा कि डेयरी संचालक नालियों, नालों और सीवर में गोबर गिराते आ रहे हैं और निगम को हर साल तीन से चार करोड़ रुपये खर्च करके नालों और सीवरेज लाइनों का सफाई करवानी पड़ रही है। डेयरियों को शहर से बाहर शिफ्ट करने के बाद शहर में जहां सफाई व्यवस्था बेहतर हो सकेगी, वहीं शहर में लावारिस पशुओं की संख्या में जबरदस्त कमी देखने को मिलेगी। सीवरेज बंद होने की शिकायतें निगम के पास लगभग समाप्त हो जाएंगी।

गांव अबलोवाल के पास करीब 22 एकड़ जमीन पर 134 डेयरियों के लिए प्लांट रखे गए हैं। पहले चरण में 84 डेयरी संचालकों को प्लाट अलाट करने का काम पूरा हो चुका है। प्लाट अलाट के लिए 31 मार्च अंतिम तारीख है। इसके बाद डेयरी संचालकों को छह महीने डेयरी निर्माण के लिए दिए जाएंगे। इस साल 30 सितंबर के बाद निगम के अधिकार क्षेत्र में किसी भी छोटी या बड़ी डेयरी को नहीं रहने दिया जाएगा।

संजीव शर्मा बिट्टू, मेयर


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