जुगाड़ के वाहनों को लेकर मूकदर्शक बन जाती है पुलिस
शहर की सड़कों पर मोडिफाइ करके तैयार की बाइक रेहड़ी चालकों के पास इस वाहन को चलाने के कोई दस्तावेज नहीं होते हैं।
प्रेम वर्मा, पटियाला
शहर की सड़कों पर मोडिफाइ करके तैयार की बाइक रेहड़ी चालकों के पास इस वाहन को चलाने के कोई दस्तावेज नहीं होते हैं। बावजूद इसके पुलिस इन वाहन को देखने के बाद भी नजरअंदाज कर देती है। इन वाहन को लेकर एक्शन लेने के बजाय ट्रैफिक पुलिस मूकदर्शक बनकर देखती रहती है लेकिन इनके कागजात नहीं पूछे जाते।
दैनिक जागरण की टीम ने फव्वारा चौक पर मौके का मुआयना किया, जहां पर ट्रैफिक मुलाजिम तैनात थे। यहां पर मुलाजिमों ने नियमों का उल्लंघन करने वालों को पकड़ने के लिए किसी भी तरह की ढील नहीं बरती, वहीं मोडीफाइ कर तैयार की बाइक रेहड़ी चालकों पर कार्यवाही नहीं की है। इन वाहन के चालकों से दस्तावेज, हेलमेट तक नहीं पूछे गए। बाइक रेहड़ी होने पर भी इन चालकों से हेलमेट, लाइसेंस, गाड़ी के कागज, बीमा व प्रदूषण सर्टिफिकेट नहीं पूछे जाते हैं। ऐसे ही हालात राजपुरा रोड स्थित पुरानी चुंगी पर नजर आए, यहां लक्कड़ मंडी नजदीक होने पर दिन भर बाइक रेहड़ी चालक घूमते रहे। बावजूद इसके इनसे पूछताछ तक नहीं की गई। सर्टिफिकेट बनता नहीं तो प्रदूषण कौन जांचे
मोडिफाइ करके तैयार होने वाले बाइक रेहड़ी के प्रदूषण सर्टिफिकेट नहीं बनाए जाते हैं। वहीं कुछ रेहड़ी पर जुगाड़ करके इंजन फिट कर दिया जाता है। इंजन फिट किए इन रेहड़ी के प्रदूषण सर्टिफिकेट नहीं बनते हैं और न ही इनकी कोई आरसी (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) होती है। पुराने इंजन होने की वजह से यह प्रदूषण फैलाने का कारण भी बनते हैं क्योंकि इनके प्रदूषण मापने के लिए कोई यंत्र नहीं होते हैं। इंजन फिट हुए इन रेहड़ियों को लेकर भी ट्रैफिक पुलिस कोई कार्यवाही नहीं करती है क्योंकि इनके चालान करने के लिए पुलिस को न तो लाइसेंस मिलता है और न ही गाड़ी की आरसी। बाइक रेहड़ी के चालान को अन्य कैटेगरी में कर दिए जाते हैं लेकिन इंजन फिट रेहड़ी गंभीर समस्या है। मोडिफाइ करके बनी इन रेहड़ियों पर सख्ती से एक्शन लेंगे। इस पर अधिकारियों की मीटिग रखने के बाद ग्राउंड लेवल पर कार्यवाही शुरू करेंगे ताकि यह वाहन किसी हादसे या प्रदूषण का कारण न बन सके।
अच्छरू राम शर्मा, डीएसपी