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निगम में टैक्स कलेक्शन के लिए बनेगा शहर का डिजीटल मैप

संजय वर्मा, पटियाला निगम के टैक्स देने वालों की अब मनमर्जी नहीं चलेगी। हर वार्ड से टैक्स पेयर्स

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Dec 2017 03:01 AM (IST)Updated: Fri, 22 Dec 2017 03:01 AM (IST)
निगम में टैक्स कलेक्शन के लिए बनेगा शहर का डिजीटल मैप
निगम में टैक्स कलेक्शन के लिए बनेगा शहर का डिजीटल मैप

संजय वर्मा, पटियाला

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निगम के टैक्स देने वालों की अब मनमर्जी नहीं चलेगी। हर वार्ड से टैक्स पेयर्स पर डिजीटल मैप से नजर रखी जाएगी। निगम की इनकम को दुरुस्त करने के लिए शहर के वार्ड दर वार्ड डिजीटल मैप बनने जा रहा है। डिजीटल मैप का कंट्रोल खुद कमिश्नर संभालेंगे। डिजीटल मैप का एक बटन क्लिक करते ही उन टैक्स पेयर्स की लिस्ट सामने आ जाएगी, जिन्होंने टैक्स नहीं दिया। इस मैप से लोगों को समय पर टैक्स भरने के लिए तैयार किया जाएगा।

निगम से मिली जानकारी के मुताबिक अभी तक शहरवासी प्रॉपर्टी टैक्स भरने में लेट लतीफी दिखा रहे हैं। इतना ही नहीं, कई बार तो लोग सालों तक टैक्स नहीं भरते और सरकारी छूट की स्कीम का इंतजार करते हैं। इतना ही नहीं वाटर सप्लाई और सीवरेज के बिल भरने वालों की संख्या भी कम हुई है। बिल वसूलने के लिए निगम मुलाजिमों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। तमाम समस्याओं से निजात पाने के लिए निगम कमिश्नर गुरप्रीत ¨सह खैहरा ने डिजीटल मैप प्लान तैयार किया है। शहर के 60 वार्डो का सारा डाटा इस मैप में स्टोर होगा। मैप में सभी टैक्स पेयर्स का डाटा शामिल होगा। समय-समय पर टैक्स की पोजीशन चेक करने के लिए डिजीटल मैप का एक क्लिक काफी होगा।

टैक्स पेयर्स बढ़ाएगे और रखेंगे नजर : कमिश्नर

नगर निगम के कमिश्नर गुरप्रीत ¨सह खैहरा ने कहा कि निगम ने अभी तक करीबन 20 प्रतिशत टैक्स पेयर्स बढ़ाए हैं। लोगों को सुविधा देने के साथ-साथ टैक्स पेयर्स बढ़ाने का टारगेट भी रखा गया है। टैक्स पेयर्स जान सकेंगे कि उनके टैक्स का कहां इस्तेमाल हो रहा है। विकास कार्यो को देख शहरवासी खुद ही टैक्स देने आएंगे। टैक्स पेयर्स को जागरूक करने के लिए डिजीटल मैप जल्द ही काम करना शुरू करेगा। इस मैप के जरिया उन सभी एरिया को स्क्रीन पर देखा जा सकेगा जहां से टैक्स कलेक्शन नहीं हुई। डिजीटल मैप में हर एरिया की समस्या की जानकारी भी मिल सकेगी। खैहरा ने कहा सिर्फ एक क्लिक से तमाम जानकारी उनके पास होगी। अगर लोग टैक्स देंगे तो उससे गलियां, दुरुस्त रोड और जलती स्ट्रीट लाइट्स मिल सकेगी। नए प्रोजेक्ट लगाने के साथ-साथ उनकी मैनटेनेंस भी जरूरी है जो शहर वासियों के टैक्स से ही संभव हो सकती है।


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