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बिना क्लोरिन के मिल रहा पीने का पानी, ट्यूबवैल व्यवस्था राम भरोसे

संजय वर्मा, पटियाला आप सरकारी नल से पानी पी रहे है तो जरा सावधान रहे, नगर निगम बिना क्लोरिनेशन के

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Jun 2018 09:17 PM (IST)Updated: Thu, 21 Jun 2018 09:17 PM (IST)
बिना क्लोरिन के मिल रहा पीने का पानी, ट्यूबवैल व्यवस्था राम भरोसे
बिना क्लोरिन के मिल रहा पीने का पानी, ट्यूबवैल व्यवस्था राम भरोसे

संजय वर्मा, पटियाला

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आप सरकारी नल से पानी पी रहे है तो जरा सावधान रहे, नगर निगम बिना क्लोरिनेशन के वाटर सप्लाई कर रहा है। जी हां दैनिक जागरण की ओर से शहर के कुछ ट्यूबवेल का मुआयना किया गया तो देखा कि रूम खाली है और ट्यूबवैल चल रहे हैं। वाटर क्लोरिनेशन सिस्टम ठप्प पड़ा है, जिन टंकियों से वाटर क्लोरिनेशन होनी थी उन मे गंदगी और काई जम चुकी है। सफाई न होने कारण सिस्टम बदहाल हो रहा है।

नगर निगम के 140 ट्यूबवेल से शहर को 70 मिलियन लीटर पानी रोजाना सप्लाई होता है। लगभग सभी ट्यूबवैल पर पानी का क्लोरिनेशन नहीं हो रहा। टौबा बाबा ध्याना, नीम वाला चौंक, काली मुंह वाली बगीची, रोज गार्डन, आर्य समाज, रा¨जदरा लेक, 4 नंबर डिवीजन, अर्जुन नगर, समानियां गेट, विकास विहार, सिविल लाइन, अबलोवाल के ट्यूबवैल की क्लोरिनेशन नहीं हो रही। इतना ही नहीं क्लोरिनेशन के लिए रखी गई टंकियों के पानी में गंदगी जम चुकी है। आटोमैटिक सिस्टम कारण नहीं रखे जा रहे ट्यूबवैल आपरेटर

निगम से मिली जानकारी के मुताबिक साल 2013 से पहले ट्यूबवैल आरपेटर रखे जाते थे परंतु बाद में सिस्टम आटोमैटिक होने कारण तय समय पर ट्यूबवैल का स्विच आन और आफ हो जाता है। जांच के लिए रखे गए कुछ आपरेटर ही कई ट्यूबवैल पर निगरानी रखते हैं। शहर में पानी सुबह 5 बजे से 10 बजे, दोपहर को 12 बजे से 2 बजे और सांय 5 बजे से रात 10 बजे तक सप्लाई होता है। (बाक्स)

..अंडर ग्राउंड वाटर पर क्लोरिनेशन की नहीं जरूरत

ट्यूबवैल जमीन से फ्रेश वाटर निकाल कर सप्लाई हो रहा है। क्लोरिनेशन की जरूरत तब होती है अगर टंकियों के माध्यम से पानी सप्लाई होता तो इसकी क्लोरिनेशन की जरूरत होती है। स्टोर किये हुए वाटर को सप्लाई से पहले क्लोरिनेशन की जरूरत होती है। गंदे पड़ी टंकिया वहां से नहीं उठाई गई तो ये अनगहली है।

.. गुरप्रीत ¨सह खैहरा, कमिश्नर नगर निगम (बाक्स)

वाटर क्लोरिनेशन बेहद जरूरी है अगर पानी में बैक्टीरियल कंटेमीनेशन है तो टाईफाइड, डायरिया हो सकता है, पानी अगर लंबे टाइम से साफ नहीं हो रहा तो पीलिया तक हो सकता है। मानसून के दौरान तो पीने के पानी की क्लोरिनेशन होनी चाहिए।

..सिविल सर्जन हरीश मल्हौत्रा


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