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श्री काली देवी मंदिर में आने-जाने के लिए होंगे दो द्वार

शहर के एतिहासिक मंदिर श्री काली देवी जी में आने व जाने के लिए अब दो द्वार होंगे। ऐसे में श्रद्धालुओं को न भीतर जाने में कोई दिक्कत होगी और न ही माथा टेकने के बाद बाहर वापस जाने में कोई परेशानी होगी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Nov 2018 05:31 PM (IST)Updated: Thu, 29 Nov 2018 05:31 PM (IST)
श्री काली देवी मंदिर में आने-जाने के लिए होंगे दो द्वार
श्री काली देवी मंदिर में आने-जाने के लिए होंगे दो द्वार

सुरेश कामरा, पटियाला

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शहर के एतिहासिक मंदिर श्री काली देवी जी में आने व जाने के लिए अब दो द्वार होंगे। ऐसे में श्रद्धालुओं को न भीतर जाने में कोई दिक्कत होगी और न ही माथा टेकने के बाद बाहर वापस जाने में कोई परेशानी होगी। मंदिर द्वार के साथ सटा जूता घर एवं प्रसाद की दुकानें अब सामने पार्किंग स्थल पर शिफ्ट की जाएंगी । विकास कार्यों के लिए मंदिर के लिए सरकार ने 2.25 करोड़ रुपये पास किए हैं । अब एक ही द्वार है

फिलहाल शहर के एतिहासिक मंदिर श्री काली देवी जी का एक ही प्रवेश व निकासी द्वार है, जहां से श्रद्धालुओं को आना व जाना पड़ता है। नवरात्र के समय द्वार पर लगने वाली भीड़ के कारण लोगों को काफी परेशानी पेश आती है। प्रवेश द्वार के साथ जूता घर व प्रसाद की दुकानें हैं। हालांकि पहले जूता घर मंदिर के भीतर की तरफ होता था, लेकिन मंदिर में लगातार बढ़ रही श्रद्धालुओं की संख्या के कारण जूता घर को बाहर कर दिया गया, लेकिन फिर भी परेशानी जस की तस बनी हुई है ।

जूता घर और दुकानें शिफ्ट करके बनेगा नया द्वार

श्री काली देवी मंदिर की सलाहकार कमेटी के सदस्य अश्वनी गर्ग बताते है कि श्रद्धालुओं की समस्या को देखते हुए कमेटी ने यह बात सलाहकार कमेटी के चेयरमैन व डिप्टी कमिश्नर कुमार अमित के समक्ष रखी तो उन्होंने यह सारी बात सरकार के सामने रखी। उसके बाद सरकार ने विकास कार्य सहित मंदिर के अन्य कार्यों के लिए 2.25 करोड़ रुपये की राशि पास कर दी है। मंदिर का जूता घर व दुकानें अब पार्किंग के पास बनेंगी। जूता घर भी काफी बड़ा होगा । जूता घर व दुकानों के स्थान पर एक नया द्वार व श्रद्धालुओं के लिए कुछ अन्य सुविधाएं दी जाएंगी । सरोवर साइड का द्वार है बंद

बता दें कि मंदिर के पीछे सरोवर साइड मंदिर के और द्वार है, जो बीते कई सालों से बंद पड़ा है। इससे पहले लोग इस द्वार से भीतर आते थे और सरोवर में स्नान आदि करके माथा टेकने जाते थे और इसी द्वार से वापस चले जाते थे। सरोवर में पानी सूखने के कारण यह द्वार बंद कर दिया गया और माल रोड पर मंदिर का द्वार खोला गया। अब मंदिर में आने व जाने के लिए एक ही द्वार है। नवरात्र के समय मंदिर के साथ मॉल रोड पर स्थित एसबीआई के हेड ऑफिस के साथ अस्थायी तौर पर एक द्वार खोला जाता है, तो वहां पर भी काफी भीड़ रहती है।


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