जांच अफसर के समक्ष पेश हुई प्रिंसिपल, खुद को बताया निर्दोष
सूलर रोड स्थित प्राइवेट स्कूल में 6वीं क्लास की स्टूडेंट को पेंडिग फीस के चलते एग्जाम देने से रोकने पर बच्ची द्वारा आत्महत्या का प्रयास करने के मामले में स्कूल प्रिसिपल मीनू बाथ मलिक ने रविवार को बयान जारी कर खुद को निर्दोष बताया है।
जागरण संवाददाता.पटियाला
सूलर रोड स्थित प्राइवेट स्कूल में 6वीं क्लास की स्टूडेंट को पेंडिग फीस के चलते एग्जाम देने से रोकने पर बच्ची द्वारा आत्महत्या का प्रयास करने के मामले में स्कूल प्रिसिपल मीनू बाथ मलिक ने रविवार को बयान जारी कर खुद को निर्दोष बताया है। स्कूल प्रिसिपल ने घटना के पांच दिन बाद जहां इनवेस्टिगेशन अफसर के समक्ष पेश होकर इनवेटिगेशन ज्वाइन कर ली है, वहीं इस घटना के लिए संबंधित स्टाफ को जिम्मेवार ठहराते हुए कहा कि स्कूल की आई केयर पॉलिसी (बच्चों से अभद्र व्यवहार या छेड़छाड़ रोकने संबंधी बनाई गई पॉलिसी) न मानने के कारण ही ये घटना घटना हुई है। प्रिसिपल मीनू बाथ मलिक ने बताया कि उनके द्वारा इस घटना के तुरंत बाद घटना की जानकारी स्कूल मैनेजमेंट को बिना देरी के दे दी गई थी वहीं इसके अलावा इन पांच दिनों में 7-8 बार मेल करके अगली कार्रवाई के निर्देश मांगें थे लेकिन इसके बावजूद भी स्कूल मैनेजमेंट द्वारा कोई ज्वाब प्राप्त नहीं हुआ। उन्होंने इस पूरी घटना के लिए संबंधित क्लास इंचार्ज को जिम्मेवार ठहराया है। बता दें घटना के पांच दिन बाद प्रिसिपल ने मीडिया समक्ष आकर अपना पक्ष रखा है।
प्रिसिपल ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि कानून की पालना करते हुए उन्होंने इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर के साथ पूरा सहयोग करते हुए अपना बयान भी दर्ज करवा दिया है। इस मामले में जिम्मेवार स्टाफ मेंबर्स पर एक्शन मैनेजमेंट के निर्देशों के बाद ही लिया जाना है जिसका निर्णय मैनेजमेंट द्वारा ही किया जाएगा। जबकि प्रिसिपल का रोल तो मैनजमेंट को आगाह करना था जो बिना देरी के कर दिया गया था। उन्होंने बताया कि इस घटना से पहले किसी भी स्तर पर संबंधित कर्मचारियों द्वारा इस मुद्दे पर उनसे परामर्श नहीं किया, न ही उन्होंने कोई सलाह या मार्गदर्शन की मांग की। जिसकी जानकारी मैनजमेंट को दे दी गयी थी, लेकिन मैनजमेंट की तरफ से उन्हें कोई भी हिदायत नहीं दी जा रही है।
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प्रबंधन ने मार्क की जांच
इस मामले में में स्कूल प्रबंधन द्वारा इनक्वायरी मार्क कर दी गई है। उन्होंने कहा कि इस मामले में जो भी दोषी पाया गया उसके खिलापु कार्रवाई होगी। वह प्रशासन को हर तरह से सहयोग देने को तैयार हैं। स्कूल प्रशासन ने कहा कि अगर बच्ची को लगता है कि उसके एग्जाम में किसी तरह की दिक्कत आई है तो वह उसकी भरपाई करने को तैयार हैं।