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ग‌र्ल्स हॉस्टल 24 घंटे खुला रखने की मांग के समर्थन में उतरे प्रोफेसर व स्त्री जागृति मंच

पीयू के ग‌र्ल्स हॉस्टल 24 घंटे खुला रखने की मांग को लेकर धरने पर बैठे स्टूडेंट्स को यूनिवर्सिटी प्रोफेसरों का सहयोग मिलना शुरू हो चुका है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Sep 2018 08:42 PM (IST)Updated: Mon, 24 Sep 2018 08:42 PM (IST)
ग‌र्ल्स हॉस्टल 24 घंटे खुला रखने की मांग के समर्थन में उतरे प्रोफेसर व स्त्री जागृति मंच
ग‌र्ल्स हॉस्टल 24 घंटे खुला रखने की मांग के समर्थन में उतरे प्रोफेसर व स्त्री जागृति मंच

जागरण संवाददाता, पटियाला

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पीयू के ग‌र्ल्स हॉस्टल 24 घंटे खुला रखने की मांग को लेकर धरने पर बैठे स्टूडेंट्स को यूनिवर्सिटी प्रोफेसरों का सहयोग मिलना शुरू हो चुका है। वहीं दूसरी ओर स्त्री जागृति मंच भी स्टूडेंट्स के इस संघर्ष को समर्थन दे रहा है। जानकारी अनुसार पिछले दिनों पंजाबी यूनिवर्सिटी के तीन प्रोफेसरों ने ग‌र्ल्स हॉस्टल 24 घंटे खुला रखने के मामले पर सहमति दी थी। अब अंग्रेजी विभाग के एक प्रोफेसर की ओर से भी इस मामले पर सहमति जताई गई है। दूसरी ओर यूनिवर्सिटी प्रशासन धरने पर बैठे स्टूडेंट्स से मी¨टग कर इस मामले को सुलझाने पर लगा हुआ है।

समाज में बच्चियां व लड़कियां सुरक्षित नहीं

स्त्री जागृति मंच के नेता अमन दयोल और सपना ने कहा हमारे समाज में बच्चियां, लड़कियां दिन में भी सुरक्षित नहीं हैं। यूनिवर्सिटी के हॉस्टल (24 घंटे) खुला रखने की मांग को डर बना कर रखा हुआ है। यूनिवर्सिटी प्रशासन अपनी जिम्मेदारी से भाग रहा है। यूनिवर्सिटी प्रशासन इस मांग को माने और लड़कियों की सुरक्षा का जिम्मा भी ले। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी के औरत विरोधी व्यवहार अति ¨नदा योग्य है और वह इसका विरोधकरते हैं।

संघर्ष रहेगा जारी

ग‌र्ल्स हॉस्टल 24 घंटे खुला रखने की मांग को लेकर वीसी दफ्तर के आगे धरने पर बैठी स्टूडेंट्स जत्थेबंदी ने मांगे हल होने तक धरना देने का ऐलान किया है। डीएसओ सदस्यों का कहना है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन जब तक जतथेबंदी की मांगे पूरी नहीं करता, तक स्टूडेंट्स का यह संघर्ष जारी रहेगा। पिछले दिनो से लगातार स्टूडेंट्स व प्रोफेसरों का सहयोग मिल रहा है। डीएसओ से अमरजीत ने बताया कि जत्थेबंदी द्वारा रोजाना भाषन प्रोग्राम करवाया जा रहा है। जोकि अगले समय में भी जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि सोमवार को यूनिवर्सिटी के अंग्रेजी विभाग से प्रो. धर्मजीत ने भी अपने विचार धरने में रखे।


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