मिड-डे मील स्कीम के अधीन नाश्ते की योजना एनजीओ को सौंपने का विरोध
मिड-डे मील स्कीम के अधीन नाश्ते में पौष्टिक सूखे पाउडर का घोल देने की स्कीम का संगरूर जिले से पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया जा चुका है।
जागरण संवाददाता, पटियाला : मिड-डे मील स्कीम के अधीन नाश्ते में पौष्टिक सूखे पाउडर का घोल देने की स्कीम का संगरूर जिले से पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया जा चुका है। इसकी सप्लाई की जिम्मेवारी एनजीओ को सौंपी गई है। इससे मिड-डे मील कुक फ्रंट में रोष है। इसके रोष में मिड-डे मील कुक वर्करों ने शनिवार को नेहरू पार्क में रैली कर पंजाब और केंद्र सरकार के खिलाफ रोष जताया।
इस संबंधी मिड-डे मील कुक फ्रंट की नेता किरनजीत कौर खोख, बलजीत कौर बिरड़वाल ने कहा कि बच्चों की सेहत को मुख्य रखते हुए शुरू की योजना प्रशंसनीय है लेकिन इसे पंजाब के हालात अनुसार और बेहतर बनाने की जरूरत है। लेकिन इस योजना को बेहतर बनाने के बजाय इसकी सप्लाई की जिम्मेवारी एक ठेकेदार को दी गई है, जो एनजीओ के नाम तले इसकी स्पलाई करेगा। जबकि पहले भी इस प्रथा के नकारात्मक नतीजे सामने आ चुके हैं। ठेकेदारों द्वारा अक्सर बच्चों को स्तरीय खाना ना देकर उनकी सेहत से खिलवाड़ किया जाता है।
बच्चों को खाना बनाकर स्कूल को स्पलाई करने का ठेकेदारी सिस्टम का तजुर्बा पहले ही पंजाब भुगत चुका है। लेकिन अब केंद्र सरकार समूचे देश में नाश्ते का ठेका ठेकेदारों को दे चुकी है जो अति निदनीय है। इस स्कीम में राज्य सरकारों ने भी अपना हिस्सा डालना है और राज्य सरकारों को अपने भौगोलिक हालात के अनुसार इस स्कीम को लागू करना चाहिए था। फ्रंट की नेताओं ने सरकार से ठेकेदारी प्रणाली को तुरंत वापस लेकर इसकी जिम्मेवारी मिड-डे मील स्टाफ सौंपने की मांग की है।