विभाग के आंगन में भाषा को बचाने की उठी आवाज
अंतरराष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस मौके भाषा विभाग की ओर से करवाए जा रहे साहित्यक समागम के दौरान विभाग के आंगन में पंजाबी भाषा को बचाने की आवाज उठी।
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जागरण संवाददाता, पटियाला
अंतरराष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस मौके भाषा विभाग की ओर से करवाए जा रहे साहित्यक समागम के दौरान विभाग के आंगन में पंजाबी भाषा को बचाने की आवाज उठी। पंजाबी भाषा को बचाने के लिए पंजाबी मातृभाषा सतिकार सभा और भारतीय किसान यूनियन (क्रांतिकारी) की तरफ से बाबा हरदीप ¨सह मेहराज, लक्खा ¨सह सिधाना और सुरजीत ¨सह फूल के नेतृत्व में 18 फरवरी से दमदमा साहब से शुरू होकर अमृतसर, जालंधर, आनंदपुर साहिब, फतेहगढ़ साहिब से होता हुआ आज पटियाला पहुंचा। इस दौरान मार्च में शामिल सदस्यों ने डायरेक्टर को भाषा प्रति अपनी ड्यूटी को संजीदगी के साथ निभाने की सलाह दी। वहीं भाषा विभाग के मुख्य दफ्तर में भाषा बचाने के लिए जोरदार नारेबाजी भी की गई।
भाषा प्रेमी बाबा हरदीप ¨सह मेहराज ने बताया कि उनकी तरफ से भाषा विभाग की डायरेक्टर गुरशरन कौर के साथ मुलाकात की गई है, लेकिन उनकी तरफ से फंड की कमी होने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया। इस दौरान विभाग की डायरेक्टर को मांगपत्र भी सौंपा गया, जिसमें अंग्रेजी स्कूलों में खत्म हो रही पंजाबी भाषा प्रति कार्यवाही करने की बात कही। इसके साथ ही भाषा प्रेमियों ने कहा कि भाषा विभाग विचार गोष्ठियां और सेमिनार करवाकर खानापूर्ति कर रहा है, जबकि भाषा को बचाने के लिए अपनी बनती ड्यूटी से भाग रहा है।
सरकार की लापरवाही के साथ मातृ भाषा से दूर हो रहे पंजाबी: डा. गांधी
पटियाला से सांसद डा. धर्मवीर गांधी की तरफ से भाषा विभाग पहुंचे चेतना मार्च का स्नेहपूर्ण स्वागत किया गया। भाषा विभाग की तरफ से मातृ भाषा को समर्पित सैमीनार में पहुंचे डा.गांधी की तरफ से गुरमुखी चेतना मार्च का समर्थन करते सरकार पर भाषा प्रति अनदेखी के आरोप लगाए। डॉ. गांधी ने कहा कि आज सरकार की लापरवाही के चलते पंजाबी ही अपनी मातृ भाषा से दूर होते जा रहे हैं, यदि इस प्रति सरकार गंभीर न हुई तो आने वाले समय में लोग पंजाबी भाषा को भूल ही जाएंगे। जिसकी जिम्मेवारी पंजाब सरकार और अधिकारियों की होगी।