मुख्यमंत्री के ही जिले में हो रही नशे की खेती
राज्य में नशा रोकने के दावे मुख्यमंत्री के जिले में हवाई साबित हो रहे हैं। दो सालों के दौरान पुलिस के पास नशे की खेती करने के चार बड़े मामले सामने आ चुके हैं। हालांकि इन केसों में पुलिस ने मामला दर्ज भी किया है
प्रेम वर्मा, पटियाला : राज्य में नशा रोकने के दावे मुख्यमंत्री के जिले में हवाई साबित हो रहे हैं। दो सालों के दौरान पुलिस के पास नशे की खेती करने के चार बड़े मामले सामने आ चुके हैं। पुलिस ने मामला दर्ज भी किया है, लेकिन नशे की खेती पर रोक नहीं लग रही है। मार्च 2017 में पोस्त की खेती करते हुए किसान पकड़े गए थे। इस बार तो बैंक के आंगन में ही पोस्त की खेती उगा ली। नशे की लत को लेकर लोग अफीम की खेती कर रहे हैं। पटियाला में दो वर्षो के दौरान लगातार नशे की खेती के केस सामने आ रहे हैं। नाभा में शनिवार को सहकारी बैंक के अंदर पोस्त की तीन बड़ी क्यारियां मिली हैं, जिसके आरोप में मैनेजर को नामजद किया है। सहकारी बैंक वह जगह है, जहां पर हर समय लोगों का आना-जाना लगा रहता है। दो साल से इस बैंक में तैनात मैनेजर की सेवानिवृत्ति में कुछ ही समय बाकी रह गए थे। बावजूद इसके बेखौफ होकर यहां पर अफीम की खेती की गई।
यह मामले आ चुके हैं सामने
साल 2017 के मार्च महीने में पातड़ां थाना इलाके में आते खानेवाल गांव में राजू सिंह को डोडे की खेती करते हुए गिरफ्तार किया था। इसकी खेतों से ढाई किलो के करीब कच्चे डोडे बरामद हुए थे। इसी साल घग्गा थाना पुलिस ने सुखपाल को गिरफ्तार किया था, जब वह अपने खेतों में लगाए डोडे से भुक्की और अफीम निकालने की तैयारी में था। पुलिस ने जब रेड की तो सुखपाल को रंगे हाथ पकड़ लिया।
- इसी साल पातड़ां के सतपाल सिंह निवासी डेरा हजूरा को भी इसकी खेती करते पकड़ा था। उससे 42 किलो 700 ग्राम डोडे बरामद किए गए थे। इन मामलों के बाद अब नाभा के सहकारी बैंक से पोस्त के पौधे बरामद हुए हैं।
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इन पोस्त के पौधों के बड़े होने पर डोडे के रूप में विकसित हो जाने पर अफीम तैयार की जाती है। वहीं अफीम निकाले जाने के बाद बचे सूखे डंडों को पीसकर भुक्की बनाकर नशे के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।
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00 राजनेता कर चुके हैं पंजाब में अफीम की खेती की मांग
अक्टूबर 2018 में पूर्व केबिनट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब में अफीम की खेती को कानूनी करने की मांग की थी। सिद्धू ने कहा था कि उनके चाचा भी अफीम खाते थे, उन्होंने इसका इस्तेमाल दवाई की तरह किया और उन्होंने लंबी जिदगी भी जी। इससे पहले जगमीत बराड़ ने भी पंजाब में अफीम की खेती को मंजूरी देने की मांग कर चुके हैं। वहीं साल 2018 में पूर्व सांसद डाक्टर धर्मवीर गांधी भी पंजाब में अफीम की खेती को मंजूरी देने की मांग करने के बाद काफी चर्चा में रहे थे।