लांगरी आत्म हत्या मामले में नामजद इंस्पेक्टर व मुंशी पुलिस पकड़ से बाहर
संस राजपुरा (पटियाला) लांगरी आत्महत्या केस में नामजद आरपीएफ इंस्पेक्टर तरूण और मुंशी
संस, राजपुरा (पटियाला) : लांगरी आत्महत्या केस में नामजद आरपीएफ इंस्पेक्टर तरूण और मुंशी सोहन सिंह दो सप्ताह से अधिक समय बीतने के बाद भी पुलिस पकड़ से बाहर है। मुंशी सोहन सिंह की अग्रिम जमानत की अर्जी रद हो चुकी है।
जानकारी के अनुसार व्यक्ति की बाइक रेलगाड़ी से टकरा गई थी, जिस पर आरपीएफ वालों ने कार्रवाई करते हुए बाइक जब्त करने के अलावा केस दर्ज कर लिया था। बाद में नौजवान से कथित तौर पर चालीस हजार रुपये रिश्वत ऐंठ ली गई। पीड़ित ने सारे मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों को कर दी। शिकायत मिलने के बाद खुफिया विभाग की टीम जांच करने को जालंधर से राजपुरा पहुंची। बताया जाता है कि चालीस हजार रुपये आरपीएफ अधिकारियों ने लांगरी प्रमोद कुमार के मार्फत प्राप्त किए थे। इसलिए लांगरी प्रमोद कुमार ने जांच टीम के समक्ष चालीस हजार प्राप्त करने संबंधी बयान दर्ज करवा दिए। आरपीएफ अफसरों के भेद खुलने से लांगरी की पिटाई करते हुए दाखिल करवा दबाव डाला कि जांच टीम के खिलाफ मारपीट करने का मामला दर्ज करवा दो, जिससे मामला आगे न बढ़ सके। इतना ही नही आरपीएफ अधिकारियों की तरफ से बनाए गए दबाव की कहानी प्रमोद कुमार ने अपनी पत्नी रूबी रानी को बता दी थी। इसके बाद भी आरपीएफ अफसरों का गुस्सा शांत नही हुआ। बताया जाता है कि आरपीएफ अफसरों की धक्केशाही से तंग आकर लांगरी प्रमोद कुमार ने राजपुरा शंभू रेलवे लाइन के दौरान रेलगाड़ी के समक्ष कूदकर आत्म हत्या कर ली। जिस पर रेलवे पुलिस ने मृतक की पत्नी की शिकायत पर आरपीएफ इंस्पेक्टर तरूण, मुंशी सहित चार पांच आरोपितों के खिलाफ 27 जून को केस दर्ज कर लिया था। इतना ही नही विभाग ने दोनों कथित आरोपितों को सस्पेंड कर दिया था।
क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी : रेलवे पुलिस के एसएचओ गुरदर्शन सिंह ने बताया कि मुंशी सोहन सिंह की पटियाला की अदालत में अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज हो चुकी है। मामले में नामजद इंस्पेक्टर और मुंशी को गिरफ्तार करने को छापेमारी जारी है।