पंजाब में कोरोना से नई इंडस्ट्रियल यूनिट लॉक, 80 फीसद ने काम शुरू करने का आवेदन लिये वापस
पंजाब में कोरोना का असर नई औद्योगिक इकाइयों पर भी असर पड़ा है। नई इकाइयां शुरू करने के 80 फीसद आवेदन वापस ले लिए गए हैं।
पटियाला, जेएनएन। कोविड-19 महामारी की मार अब नई इंडस्ट्रियल यूनिट पर भी पडऩे लगी है। कोरोना के कारण उद्योगपति नई यूनिट लगाने से बच रहे हैं। मार्च से पहले जिन्होंने नई यूनिट लगाने के लिए पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (पीपीसीबी) के पास आवेदन किए थे, उनमें से 80 फीसद ने हाथ पीछे खींच लिए हैं।
पीपीसीबी से अनुमति के लिए इस साल 90 आवेदन आए, 70 ने हाथ पीछे खींचे
पंजाब में 22 मार्च को लगे कर्फ्यू के बाद एक भी नया आवेदन पीपीसीबी के पास नहीं पहुंचा। साल के पहले छह महीनों में बोर्ड के पास सिर्फ 90 आवेदन ही पहुंचे, जबकि लॉकडाउन में इनमें से 70 ने आवेदन वापस ले लिए। अब 20 आवेदक ही नए प्रोजेक्ट शुरू करने के इ'छुक हैं, जिसके लिए उन्होंने बोर्ड से अनुमति मांगी है।
पंजाब में लॉकडाउन के दौरान एक भी नया आवेदन नहीं आया
2019 में नए निवेश के लिए एक हजार से ज्यादा उद्योगपतियों ने आवेदन किया था। इनमें से 475 जून तक ही आ गए थे। इसके पीछे उद्योगपतियों ने तर्क दिया कि लॉकडाउन में डिमांड में बड़ी कमी आई है। श्रमिकों की घर वापसी से भी संकट बढ़ा है। इस कारण उन्होंने नए यूनिट शुरू करने का आइडिया ड्रॉप कर दिया। हालात सुधरने पर ही वे दोबारा विचार करेंगे। इन उद्योगों में रोङ्क्षलग मिल्स, ईंट-भट्ठे, प्लाइवुड समेत कई इंडस्ट्रीज शामिल हैं।
बिजली की डिमांड में भी दो हजार मेगावाट की कमी
पावरकॉम के प्रवक्ता का कहना है कि औद्योगिक क्षेत्र में भी बिजली की मांग कम हो गई है। औद्योगिक खपत लगभग दो हजार मेगावाट घटी है। वे औद्योगिक इकाइयों के चालू होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। सीमेंट, साइकिल, रोङ्क्षलग मिल्स, ईंट-भट्ठे व प्लाइवुड इकाइयां लगभग बंद हैं।
'यह उद्योग के लिए कठिन समय'
'' हमें मार्च तक 90 आवेदन मिले थे। उसके बाद कोई नया आवेदन नहीं मिला। 90 में से केवल 20 ही प्रोजेक्ट जारी रखने के इच्छुक हैं। यह उद्योगों के लिए कठिन समय है। हम मौजूदा यूनिट्स को छूट दे रहे हैं। 2019 में जून तक 475 आवेदन मिले थे। इनमें 300 नए निवेश के लिए थे, जबकि 92 विस्तार व आधुनिकीकरण के लिए थे।
- करुणेश गर्ग, सदस्य सचिव, पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड।
कारोबारियों ने कहा-अगले साल सोचेंगे
'' नाभा ब्लॉक में नया भट्ठा लगाने के लिए आवेदन किया था, लेकिन लॉकडाउन हो गया। डिमांड काफी कम है। लेबर भी नहीं मिल रही। अगले साल दोबारा शुरू करने के बारे में सोचेंगे।
- अमरीक सिंह, ईंट भट्ठा कारोबारी।
'' मेरे पहले भी रोलिंग मिल के यूनिट चल रहे हैं। इस साल एक नया यूनिट लगाने जा रहे थे, लेकिन डिमांड में कमी के कारण आइडिया ड्रॉप कर दिया है।
- अविनाश मित्तल, लोहा कारोबारी।
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