Move to Jagran APP

रोते हुए कहा, जी हां यही है हमारा बड़ा बेटा जशनदीप

खेड़ी गंडिया से लापता दो भाइयों के मामले में बड़े भाई जशनदीप के शव की रविवार को परिवार ने पहचान की।

By JagranEdited By: Published: Sun, 04 Aug 2019 07:14 PM (IST)Updated: Sun, 04 Aug 2019 07:14 PM (IST)
रोते हुए कहा, जी हां यही है हमारा बड़ा बेटा जशनदीप
रोते हुए कहा, जी हां यही है हमारा बड़ा बेटा जशनदीप

जागरण संवाददाता, राजपुरा (पटियाला) : खेड़ी गंडिया से लापता दो सगे भाई हसनदीप व जशनदीप सिंह के मामले में बड़े भाई जशनदीप (10) के शव की रविवार को परिवार ने पहचान कर ली है। गौरतलब है कि शनिवार को नरवाणा ब्रांच के बघौरा नहर से बरामद हुए शव को मौके पर परिवार ने पहचानने से इन्कार कर दिया था। रविवार सुबह राजिदरा अस्पताल की मोर्चरी में पहुंचे बच्चों के पिता दीदार सिंह, दादा दर्शन सिंह, नाना बावा सिंह व बच्चों की मां ने शव को पहचाना। जशनदीप की पहचान उसके गले में डाले काले धागे, लाल रंग के कपड़ों, हाथ में देवी माता के मंदिर में बांधे धागे और बालों की कटिग से हुई। इस बारे में दोनों बच्चों के बालों की कटिंग करने वाले गांव के नाई से भी पूछताछ की, जिसने क्लियर किया कि बरामद बच्चे के बालों की कटिग भी उसके हाथ से ही हुई है और यह जशनदीप ही है। मोर्चरी में शव की पहचान होते ही बाहर आकर परिवार बुरी तरह से रोने लगा, जिन्हें पुलिस सुरक्षा में वापस गांव खेड़ी गंडिया लेकर चले गए। बच्चे की शिनाख्त होने संबंधी कागजी कार्रवाई करने के बाद शव का पोस्टमार्टम किया गया।

loksabha election banner

दादा व नाना ने हाथ में बंधे धागे से पहचाना जशनदीप को

बच्चों के नाना बावा सिंह सिंह ने कहा कि यह उनका बड़ा दोहता ही है। पहले उन्हें शंका थी, लेकिन हाथ में बंधे धागे से उनके दोहते की पहचान हुई है। अब अगली कार्रवाई तो पुलिस ही करेगी। वहीं, बच्चों के दादा दर्शन सिंह ने कहा कि यह उनका ही पोता है। पहले उन्हें यकीन था कि यह बच्चा उनके परिवार का नहीं है, लेकिन निशानियां मिलाने के बाद क्लियर हो गया।

शव पहचानने के लिए परिवार को आवाज लगाई तो निकल गए पिता व मां के आंसू

बघौरा से मिले शव को पुलिस ने शनिवार को मोर्चरी में रखवाया औैर रविवार को लापता बच्चों के परिवार के पहुंचने के बाद माहौल बदल गया। बच्चों से बिछड़ने के दुख, कहीं शव बच्चों का सच में न हो इस डर व हर घड़ी मोर्चरी के अंदर जाने का दर्द व बेटे की मौत की पुष्टि होने के दर्द में परिवार के सभी मेंबर करीब आधा घंटा तक बाहर बैठे रहे। अंदर से परिवार को आवाज लगाई तो घबराहट में पिता व मां के आंसू निकल गए। वहीं नाना अंदर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। सबसे बाद में बुजुर्ग अंदर गए तो एक करीब चार-पांच साल का बच्चा बाहर रह गया। इस बच्चे को संभालने के लिए डीएसपी घनौर मनप्रीत सिंह खुद बच्चे के साथ टेबल पर बैठ गए और बच्चे का मन बहलाने लगे। उधर, इंस्पेक्टर शमिदर सिंह व अन्य अधिकारी मोर्चरी के अंदर कार्रवाई के लिए चले गए।

अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.