बच्चों को खेलों में सपोर्ट करे परिवार : चानू
परिवार का खेलों में बचे को प्रमोट करने का अहम रोल होता है इसलिए परिवार को आगे आना चाहिए।
जागरण संवाददाता, पटियाला : परिवार का खेलों में बच्चे को प्रमोट करने का अहम रोल होता है, इसलिए परिवार को आगे आना चाहिए। अपने बच्चों को हर तरीके से सपोर्ट करना चाहिए ताकि स्पोर्ट्स कल्चर विकसित हो सके और खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर सके। ये बात टोक्यो ओलिंपिक्स में देश के लिए सिल्वर मेडल जीतने वाली वेटलिफ्टर मीरा बाई चानू ने कही। वह अपने कोच विजय के साथ बुधवार को यहां एनआइएस पहुंची थी। इस मौके पर एनआइएस एडमिनिस्ट्रेशन ने उनका जोरदार स्वागत किया।
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि उनके गांव में सड़क बन रही है और एक स्टेडियम भी बनाया जा रहा है। उन्होंने देश के नार्थ ईस्ट हिस्से में खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए बड़ी संख्या में स्टेडियम बनाने और खेलों की विभिन्न सुविधाएं मुहैया करवाने की जरूरत पर बल दिया। चानू ने माना कि ओलिंपिक्स में मेडल आने पर उनके जीवन में बदलाव आया है और उन्हें लोग स्टार जैसा अनुभव करवाने लगे हैं, लेकिन वह पहले जैसी ही रहेंगी और आने वाले दिनों में और मेहनत करेंगी ताकि देश के लिए और ज्यादा मेडल जीत सके। चानू ने कहा कि उनके वेट लिफ्टिंग में मेडल जीतने के बाद से लड़कियों में भी वेटलिफ्टिग के प्रति रुझान और बढ़ा है। एनआईएस का ग्रीन कोरिडोर रहा लाभदायक : कोच
मीराबाई चानू के कोच विजय ने बताया कि कोविड के समय काफी दिक्कत थी। शुरुआती एक सप्ताह काफी परेशानी हुई, लेकिन साई ने एनआइएस में ग्रीन कोरिडोर बनाकर ट्रेनिग की सुविधा दी जो काफी फायदेमंद रही और उसका लाभ भी मिला। उन्होंने कहा ओलिंपिक्स स्थगित होने से खिलाड़ियों को मानसिक तौर पर परेशानी तो हुई लेकिन ग्रीन कोरिडोर में प्रेक्टिस से काफी मदद मिली। ऐसे में उन्होंने ट्रेनिंग जारी रखी और पूरा ध्यान ओलिंपिक पर ही केंद्रित रखा। कोच ने कहा कि देश के खेल जगत में जो सकारात्मक बदलाव आया है, वह यह है कि मेडल न जीतने वाले को भी सम्मानित किया जा रहा है। इसके साथ ही अब विदेशी कोचों के बजाय अपने देश के कोचों से ही ट्रेनिग करवाने को पहल दी जानी चाहिए।