राजिदरा अस्पताल प्रशासन पानी सहेजने को गंभीर
मेडिकल कालेज सहित राजिदरा अस्पताल प्रशासन ने पानी की बंद बूंद सहेजने की ओर कदम बढ़ाते हुए कालेज सहित राजिदरा अस्पताल की पुरानी इमारतों में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगाने की योजना बनाई है।
जागरण संवाददाता, पटियाला : मेडिकल कालेज सहित राजिदरा अस्पताल प्रशासन ने पानी की बंद बूंद सहेजने की ओर कदम बढ़ाते हुए कालेज सहित राजिदरा अस्पताल की पुरानी इमारतों में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगाने की योजना बनाई है। इस संबंध में कालेज के प्रिसिपल डा. राजन सिगला के साथ राजिदरा अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. हरनाम सिंह रेखी ने उच्चाधिकारियों के पास प्रस्ताव भेजा है ताकि ताकि बरसाती पानी को जमीन में साफ करके सहेजा जा सके।
राजिदरा अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. हरनाम सिंह रेखी बताते हैं कि राजिदरा अस्पताल व मेडिकल कालेज में काफी नई इमारतें तैयार हो रहीं हैं और उनमें रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लग रहा है। मैंने उक्त इमारतों को देखकर ही पुरानी इमारतों में इस प्रोजेक्ट लगाने के बारे में पीडब्ल्यूडी सहित पब्लिक हेल्थ विभाग के अधिकारियों से बात की तो उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट से बरसाती पानी को ट्रीट करके जमीन में सहेजा जा सकता है। मैंने इससे प्रभावित होकर पुरानी इमारतों में भी प्रोजेक्ट लगाने की बात कही तो मुझे कहा गया कि प्रस्ताव भेजें। इसलिए मैंने अपने विभाग के अधिकारियों के पास प्रस्ताव भेजा है। उल्लेखनीय है कि मेडिकल कालेज व राजिदरा अस्पताल की 75 प्रतिशत इमारतें पुरानी हैं। अस्पताल में इमरजेंसी, ओपीडी, अस्पताल के करीब 25 वार्ड, गायनी विभाग की पुरानी इमारतों में ही वर्किंग हैं। ऐसे में बरसात के समय इन इमारतों की छतों से पानी खुले में ही बहता रहता है। प्रोजेक्ट लगने के बाद वहां का बरसाती पानी ट्रीट होकर जमीन में जाएगा। हालांकि अधिकारी कहते है कि कितना पानी बचेगा उनको पता नहीं है लेकिन फिर भी काफी हद तक बरसानी पानी सहेजा जा सकेगा।