PRTC की AMD जीवनजोत कौर से कई अधिकार वापस, भ्रष्टाचार मामलों का किया था खुलासा
भ्रष्टाचार उजागर करने के बाद पीआरटीसी एएमडी जीवनजोत कौर से कई अधिकार वापस ले लिए गए हैं। उनके पास न कोई फाइल जाएगी न वे पास कर पाएंगी और न देख पाएंगी।
पटियाला [प्रेम वर्मा]। PRTC के आर्थिक संकट के कारणों को उजागर करना और महकमे को नुकसान पहुंचाने वालों का खुलासा करना यहां की एएमडी को महंगा पड़ा गया। ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन ने बतौर एएमडी उनके सभी अधिकार वापस ले लिए। अधिकारिक तौर पर अब वह न तो कोई फाइल देख पाएंगी और न ही पास कर पाएंगी। कोई फाइल भी उनके पास नहीं जाएगी। एमडी खुद ही सभी फाइलों को देखेंगे और पास करेंगे। एएमडी का किसी भी मामले में कोई रोल नहीं रहेगा।
एएमडी व पीसीएस अधिकारी जीवनजोत कौर के ये सभी अधिकार इसलिए छीने गए क्योंकि उन्होंने वित्तीय रूप से नुकसान पहुंचाने वाली कमियों का खुलासा कर ऑडिट की मांग की थी। उन्हीं की मांग पर ऑडिट शुरू हुआ और कई मामलों में करोड़ों रुपये के बिल पास करने की प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे। सूत्रों के अनुसार आठ महीने पहले ही चार्ज संभालने वाली इस महिला पीसीएस अधिकारी ने कर्फ्यू से पहले बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को भ्रष्टाचार करने वालों के नाम तक बता दिए थे। उसी का नतीजा हैं कि PRTC को मैनपावर मुहैया करवाने वाली कंपनी एसएस प्रोवाइडर को लगातार नोटिस भेज तीस लाख रुपये का हिसाब मांगा जा रहा है। इसी बीच पत्र जारी कर एएमडी से तीस लाख रुपये के मामले में सुनवाई का अधिकार भी वापस ले लिया गया। चर्चा है कि यदि अधिकार वापस न लिए जाते तो कई अधिकारी इस जांच के घेरे में फंस सकते थे।
इन बड़े मामलों का किया खुलासा
- संगरूर बस डिपो निर्माण में छह करोड़ के बजट को दस करोड़ करवा उसे पास करवा दिया गया। पैसे भी ठेकेदार को चुकाए जा चुके।
- टोल प्लाजा पर बसों को टोल फीस में फास्टैग में डिस्काउंट देने का दावा करने वाले बैंक के पास एक करोड़ रुपये फंसे।
- सर्विस प्रोवाइडर कंपनी ने PRTC के नाम पर भर्ती फार्म बेच तीस लाख इक_ा किए लेकिन उन पैसों को जमा नहीं करवाया।
- बठिंंडा व संगरूर में छात्रों के बस पास बनवाने के दौरान 50 लाख की गड़बड़ी।
- बसों की चेकिंग के लिए किराए पर लगी टैक्सी के कारण हर साल एक करोड़ का खर्च लेकिन रिजल्ट बीस फीसद।
नंबर एक पर लाना ही मकसद : एएमडी
एएमडी जीवनजोत कौर का कहना है कि मेरा मकसद है कि महकमे को वित्तीय रूप से मजबूत करते हुए नंबर एक पर लाना। अधिकार वापस ले भी लें तो महकमे की भलाई की सोच को बदल नहीं सकते।
एमडी स्तर का मामला : चेयरमैन
चेयरमैन केके शर्मा का कहना है कि यह मामला एमडी के स्तर का है। उन्होंने ही इस पर कार्रवाई करनी है। बस स्टैंड संगरूर का मामला नियमों के अनुसार हल कर दिया है, ऑडिट टीम ने अपना काम पूरा कर दिया है।
नए अधिकार जल्द मिल जाएंगे : एमडी
एमडी जसकिरन सिंह का कहना है कि कुछ विभागीय बदलाव करने होते हैं। यह तो एमडी ऑफिस ने देखना है कि एएमडी को कौन से अधिकार देने हैं और किन अधिकारों को वापस लेना है। जल्द ही उनके नए अधिकारों की जानकारी उन्हें दे देंगे।
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