राजिदरा अस्पताल में बने रैन बसेरा में ताला, तीमारदार परेशान
शीतलहर का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है इसके बावजूद मालवा बेल्ट के सबसे बड़े राजिदरा अस्पताल में मरीजों के तीमारदारों के ठहरने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है।
जागरण संवाददाता, पटियाला : शीतलहर का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है, इसके बावजूद मालवा बेल्ट के सबसे बड़े राजिदरा अस्पताल में मरीजों के तीमारदारों के ठहरने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। उन्हें पैसे खर्च कर रहने की व्यवस्था करनी पड़ती है या फिर खुले आसमान व बरामदे में लेटकर रात गुजारनी पड़ती है। हालात बद से बदतर तब हो गए जब सोमवार को बारिश के चलते मरीजों के परिजन सर्दी में ठिठुरते रहे। मंगलवार को जहां शहर का न्यूनतम तापमान 14.4 और अधिकतम तापमान 19.5 रिकॉर्ड किया गया। इसके बावजूद परिजनों के लिए अस्पताल प्रशासन ने बैठने या इंतजार करने के लिए किसी तरह की व्यवस्था नहीं मिली। राजिदरा अस्पताल के रैन बसेरे में ताला लगा है। मरीजों के परिजन परेशान हैं और उन्होंने इसे खोलने की मांग की है। वहीं, अस्पताल प्रशासन ने नए रैन बसेरे संबंधी संस्थाओं के साथ बातचीत चलने के बारे में कहा है। प्रशासन का कहना है केवल मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टेंडिग साइन होना बाकी है, जबकि अन्य सारी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी है। जल्द ही रैन बसेरा मरीजों के परिजनों के रहने के लिए खोल दिया जाएगा।
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रैन बसेरा बंद होने के कारण झेलनी पड़ी परेशान : पप्पू
हीरा बाग कॉलोनी निवासी पप्पू ने बताया कि उनके रिश्तेदार इलाज के लिए संगरूर से सरकारी राजिदरा अस्पताल आए थे। अस्पताल में मरीज को तो एडमिट कर लिया गया, लेकिन रिश्तेदारों के ठहरने की कोई व्यवस्था नहीं थी। जिस कारण उन्हें रात आसमान के नीचे गुजारनी पड़ी। उन्होंने मांग की रैनबसेरा का ताला जल्द खोला जाए।