पटियाला में मोती महल के बाहर बेरोजगार शिक्षकों पर लाठीचार्ज, कई भाखड़ा नहर में कूदे
पटियाला में ईटीटी टैट पास बेरोजगार शिक्षकों ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के मोती महल के सामने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों पर इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया।
पटियाला, जेएनएन। बेरोजगार ईटीटी टैट पास अध्यापकों ने रविवार को यहां पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के मोती महल के बाहर प्रदर्शन किया। बेरोजगार ईटीटी टैट पास अध्यापक यूनियन के सदस्यों ने मोती महल का घेराव करने की घोषणा की थी। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पंजाब सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पुलिस ने प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने मोती महल को रोकने की कोशिश की। वे नहीं माने तो पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इसी बीच कुछ बेरोजगार शिक्षक भाखड़ा नहर में कूद गए। गोताखोरों ने उन्हें बचा लिया। लाठीचार्ज में करीब 15 महिला और पुरुष प्रदर्शनकारी घायल हो गए।
बेरोजगार ने अपनी मांगों को लेकर रविवार को मोती महल का के घेराव का एलान किया था। काफी संख्या में बेरोजगार ईटीटी टैट पास अध्यापक मोती महल के पास पहुंचे। प्रदर्शनकारी बेरोजगार अध्यापक सीएम आवास के पास पहुंचने में कामयाब रहे। सीआइडी को बेरोजगारों के इसका पहले से अंदाजा था। इसके बावजूद पुलिस बेरोजगारों शिक्षकों को आगे बढ़नेरोकने में नाकामयाब रही। सीएम आवास से करीब 200 मीटर दूर बेरोजगारों को रोकने के लिए पुलिस ने बैरिकेडिंग कर दी थी। वहां बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात थे और पानी की बौछार करने वाले वाहन तैनात कर दिए गए।
प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश करती पुलिस।
अधिकारियों ने बेरोजगारों को आश्वासन देकर रोकने का प्रयास किया, लेकिन प्रदर्शनकारी नहीं रुके। प्रदर्शनकारी बेरोजगार शिक्षक जैसे ही आगे बढ़े पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इस दौरान महिलाओं समेत करीब 15 बेरोजगार शिक्षक घायल हो गए। इस दौरान पुलिस ने यूनियन के राज्य प्रधान समेत कई शिक्षक नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। ठसके बाद कुछ समय के लिए प्रदर्शन शांत हो गया और बेरोजगार सीएम आवास के पास धरना लगाकर वहीं बैठ गए।
प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश करती पुलिस।
कोई सुनवाई न होने पर तीन सदस्य नहर में कूदे
इसके बाद करीब तीन बजे एक बार फिर प्रदर्शनकारी बेरोजगार अध्यापकों ने मोती महल की ओर बढऩे की कोशिश की तो उन्हें रोकने के लिए पुलिस को दोबारा लाठीचार्ज करना पड़ा। करीब दो घंटे बाद भी जब प्रशासन की ओर से कोई पुख्ता भरोसा न मिला तो बेरोजगार थाना पसियाणा नजदीक भाखड़ा नहर की रेलिंग पर चढ़ गए और तीन प्रदर्शनकारी नहर में कूद गए। कूदने वाले में सभी मानसा जिले के रहने वाले हैं। इनकी पहचान गुरविंदर सिंह, रणजीत व फूलबाग सिंह के रूप में हुई है। मौके पर मौजूद गोताखोरों ने उनको सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश करती पुलिस।
प्रदर्शनकारी अध्यापकों का कहना था कि उनकी समस्याएं सुनने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिह ने उन्हें मीटिंग का भरोसा दिया था, लेकिन अब इस आश्वासन को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। इसी बात पर रोष जाहिर करने के लिए उन्होंने नहर में छलांग लगाई।
पुलिस की प्लानिंग पूरी तरह फेल
प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस की पूरी योजना फेल हो गई। पुलिस प्रदर्शन को रोकने के लिए आगे आई तो उन्होंने अपना रास्ता बदल लिया। प्रदर्शनकारी छोटी बारादरी की ओर निकल गए और उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने नाभा गेट के पास बैरीकेडिंग कर दी। इसके बाद बेरोजगार गलियों से होते हुए पोलो ग्राउंड के पास पहुंच गए और मोती महल के नजदीक पहुंचने में कामयाब हो गए। इसके बाद पुलिस ने वहां बैरीकेडिंग कर मुश्किल से उन्हें रोका। इस दौरान पुलिस ने मोती महल को जाने वाले अन्य रास्ते भी सील कर दिए ताकि किसी तरह भी प्रदर्शनकारी सीएम आवास तक न पहुंच सकें।
भाखडा़ नहर में कूदा एक बेराेजगार शिक्षक।
यूनियन की मांगें
- प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों के खाली स्थान भरे जाएं।
- ईटीटी टैट पास अध्यापकों पर लागू एक और टेस्ट रद करके भर्ती पहले की तरह टीईटी की मेरिट के आधार पर की जाए।
- शिक्षकों की भर्ती में उम्र सीमा 37 साल से बढ़ाकर 42 वर्ष किया जाए।
----------
बेरोजगारों के सरकार से सवाल
- राज्य में ईटीटी टीचर्स की 12000 के करीब पोस्टें खाली, फिर भी 1664 पोस्टें क्यों निकाली।
- सत्ता में आने से पहले सीएम ने बेरोजगारी दूर करने का वादा किया था लेकिन तीन साल बाद पोस्टों निकाली वह भी काफी कम।
- सीएम ने तीन बार मीटिंग का आश्वासन देकर बातचीत क्यों नहीं की। समय देकर भी मांगें सुनने का समय क्यों नहीं निकाला।
- राज्य में 14136 टीईटी पास बेरोजगार अध्यापक उनके लिए रोजगार की व्यवस्था क्यों नहीं कर रही सरकार।
पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
यह भी पढ़ें: सीनियर आइएएस अशोेक खेमका का ट्वीट वार, अब कंपनियों के दिवालियेपन पर उठाए सवाल