पुत्र वियोग में राजा दशरथ ने त्यागे प्राण
सरहिद नगर कौंसिल स्टेज पर श्रीरामा कृष्णा ड्रामाटिक क्लब द्वारा करवाई जा रही श्रीरामलीला मंचन में कैकेयी को दिए वचन निभाने जब श्रीराम जंगलों को चले जाते हैं तो उनके वियोग में राजा दशरथ अपने प्राण त्याग देते हैं।
संवाद सहयोगी, सरहिद : नगर कौंसिल स्टेज पर श्रीरामा कृष्णा ड्रामाटिक क्लब द्वारा करवाई जा रही श्रीरामलीला मंचन में कैकेयी को दिए वचन निभाने जब श्रीराम जंगलों को चले जाते हैं, तो उनके वियोग में राजा दशरथ अपने प्राण त्याग देते हैं। जिसके बाद भरत अपने भाई सहित ननिहाल से अयोध्या लौटते हैं, तो वह पिता की मौत पर शोक जताते हुए माता कैकेयी को काफी बुरा भला कहते हैं। जिसके बाद भरत तीनों माताओं व गुरु जी के साथ श्रीराम जी, लक्ष्मण जी तथा माता सीता को वापस लाने के लिए जंगल में जाते हैं, तो श्रीराम माता कैकेयी के बचनों की लाज निभाने के लिए कहते हुए, लौटने से इन्कार कर देते हैं। भरत को ही राज्य संभालने के लिए कहते हैं। जिस पर भरत श्रीराम जी की चरण पादुकाओं व उनका आशीर्वाद लेकर अयोध्या लौटते है।