बीमारी से परेशान ज्वेलर ने सिर में गोली मारकर की आत्महत्या
जेपी कालोनी निवासी 57 साल के बुजुर्ग ज्वेलर हेमचंद ने शुक्रवार को बीमारी से परेशान होकर सिर में गोली मारकर आत्महत्या कर ली।
जागरण संवाददाता, पटियाला : जेपी कालोनी निवासी 57 साल के बुजुर्ग ज्वेलर हेमचंद ने शुक्रवार को बीमारी से परेशान होकर सिर में गोली मारकर आत्महत्या कर ली। मामले की जांच कर रहे डकाला चौकी के हेड कांस्टेबल जतिदर सिंह ने बताया कि मृतक के पुत्र दीपू ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि उसके पिता पिछले तीन साल से किडनी की बीमारी से पीड़ित थे। पिछले कुछ समय से उनकी बीमारी काफी बढ़ गई थी। जिस कारण वह चलने फिरने से असमर्थ हो गए थे। बीमारी बढ़ने से उनका एक दिन में दो से तीन बार डायलिसिस भी होता था। जिससे वह काफी परेशान थे।
वीरवार-शुक्रवार की मध्य रात सुबह करीब चार बजे पिता ने मां को चाय बनाने के लिए रसोई में भेज दिया था। जैसे ही मां रसोई में गई तो पिता ने अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से सिर में गोली मारकर आत्महत्या कर ली। गोली की आवाज सुनते ही मौके पर पहुंचे पारिवारिक सदस्यों ने देखा कि पिता की लाश खून से लथपथ बिस्तर पर पड़ी थी। परिवार ने तुरंत मामले की जानकारी पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर सरकारी राजिदरा अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए रखवा दिया था। उन्होंने बताया कि पुलिस की तरफ से पारिवारिक सदस्यों के बयान दर्ज करके पोस्टमार्टम करवाकर शव परिवार के हवाले कर दिया गया है।
इधर, मानसिक तौर पर परेशान विवाहिता ने फंदा लगाकर आत्महत्या की
जागरण संवाददाता, पटियाला : मथुरा कालोनी निवासी मानसिक तौर पर परेशान विवाहिता ने बीते दिनों फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतका की पहचान 18 वर्षीय अंशिका निवासी मथुरा कालोनी के तौर पर हुई है। मामले की जांच कर रहे थाना कोतवाली के एएसआइ राजेश बिद्रा ने बताया कि मृतक विवाहिता की मां शीतल के अनुसार उनकी बेटी मानसिक तौर पर परेशान थी और काफी गुस्से में रहती थी। शीतल के अनुसार वीरवार सुबह पति और परिवार के सभी सदस्य दिहाड़ी करने गए थे। 11 बजे के करीब जब लौटे तो देखा अंशिका ने छत वाले पंखे से फंदा लगाया हुआ था। जिसके बाद पारिवारिक सदस्यों ने तुरंत उसे सरकारी राजिदरा अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां प्राथमिक जांच उपरांत डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। एएसआइ राजेश बिद्रा ने बताया कि पुलिस ने पारिवारिक सदस्यों के बयान दर्ज करके शव का पोस्टमार्टम करवाकर वारिसों के हवाले कर दिया है, जिसके बाद बयानों के आधार पर अगली कार्रवाई शुरू कर दी है।