जैन संतों ने धर्म के मार्ग पर चलने की दिखाई राह
जैन सभा में चार्तुमास संपन्न होने पर विदाई समारोह का आयोजन किया गया।
जेएनएन, नाभा (पटियाला) : नाभा के पुरानी नाभी स्थित जैन सभा में चार्तुमास संपन्न होने पर विदाई समारोह का आयोजन श्रीपाल मुनि महाराज व श्री श्रेयांस मुनि महाराज के नेतृत्व में किया गया। जैन संतों का नाभा में 21 जून को मंगल प्रवेश हुआ था, उनके प्रवेश करने पर क्षेत्र में जप-तप की लहर छा गई। पिछले चार-पांच महीने से जैन संतों ने अपने प्रवचनों में जीवन शैली को बदलने व धर्म मार्ग पर चलने की राह दिखाई। रविवार को प्रवचन करते हुए महाराज श्री जी ने कहा कि सभी को सत्य व अहिसा के मार्ग पर चलकर अपने जीवन का कल्याण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मानव जीवन में ही प्रभु की प्राप्ति होना संभव है, व्यक्ति को चिता नही चितन करना चाहिए। व्यक्ति को अपने भीतर झांकना चाहिए ना कि दूसरों की बुराइयों देखना। अंत में जैन सभा के प्रधान नरिदर गोयल ने महाराज श्री जी का अभिनंदन पत्र पढ़ा और बताया कि महाराज श्री जी 30 नवंबर को पटियाला के लिए सुबह प्रस्थान करेंगे। इस मौके पर संतों ने आए हुए श्रद्धालुओं को सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि लोगों को संतों की शिक्षाओं, उनके जीवन व उनके बताए मार्ग पर चलना चाहिए क्योंकि सत्य के मार्ग पर चलने से ही प्रभु की प्राप्ति हो सकती है। समागम के दौरान सभा के प्रधान नरिदर गोयल, महामंत्री शालिभ्रद जैन, सुनील बांसल, नरेश जैन, सरवन जैन, जैन कुमार जैन, मोहन मित्तल, पंकज गोयल, कर्ण जैन, प्रदीप जैन समेत कई लोग उपस्थित थे।