पटियाला में कांग्रेस के लिए प्रत्याशी चुनना मुश्किल नहीं, पार्टी लगा सकती है इस बड़े नेता पर दांव
पंजाब में लोकसभा चुनाव को लेकर हलचल शुरू हो गई है। कांग्रेस सहित सभी दलों में प्रत्याशियों को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। पटियाला से कांग्रेस परनीत कौर पर फिर दांव लगा सकती है।
पटियाला, [दीपक मौदगिल]। लोकसभा चुनाव के लिए पंजाब में सभी दलों में हलचल शरू हो गई है। सबसे अधिक वीआइपी सीटों के लिए चर्चाएं चलने लगी हैं। इन सीटों में पटियाला लोकसभा सीट भी है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का गृह क्षेत्र होने के कारण यह सीट बेहद अहम है। यहां से एक बार फिर कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी और पूर्व केंद्रीय मंत्री परनीत कौर का कांग्रेस प्रत्याशी बनना तय माना जा रहा है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर की उम्मीदवारी लगभग तय
आगामी लोकसभा चुनाव के लिए पटियाला संसदीय सीट के लिए प्रत्याशी तय करना जितना मुश्किल अकाली-भाजपा गठबंधन और आम आदमी पार्टी के लिए है, वहीं उसके विपरीत कांग्रेस के लिए सबसे आसान है। मौजूदा राजनीतिक समीकरणों के मुताबिक परनीत कौर को कांग्रेस टिकट के लिए कोई नेता चुनौती देता नजर नहीं आ रहा है। ।
सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के कारण पटियाला लोकसभा सीट का है विशेष महत्व
परनीत कौर पटियाला से तीन बार सांंसद रह चुकी हैं। हालांकि पिछली बार उन्हें अप्रत्याशित रूप से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार डॉ. धर्मवीर गांधी से हार झेलनी पड़ी थी। डॉ. धर्मवीर गांधी अभी आम आदमी पार्टी से निलंबित हैं और ऐसे में उनको पार्टी का टिकट मिलना मुश्किल लग रहा है।
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हैरान करने वाले थे 2014 ते नतीजे
परनीत कौर साल 1999, 2004 और 2009 में पटियाला से सांसद रहीं। लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में आप के डॉ. धर्मवीर गांधी ने उन्हें हरा दिया। साल 1999 में उन्होंने अकाली दल के उम्मीदवार सुरजीत सिंह रखड़ा, 2004 में अकाली दल के सीनियर लीडर कै. कंवलजीत और साल 2009 के लोकसभा चुनाव में प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा को हराया था।
साल 2014 का संसदीय चुनाव एक तरह से परनीत कौर के लिए अचंभित करने वाला था। बेशक पंजाब में आम आदमी पार्टी की हवा थी लेकिन पटियाला से आप के उम्मीदवार डॉ. धर्मवीर गांधी की परनीत कौर पर जीत बड़ा राजनीतिक उलटफेर था। ऐसा अनुमान तो खुद परनीत कौर को भी नहीं था।
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अवसर
कांग्रेस की सरकार, पति सीएम
इस बार डॉ. धर्मवीर गांधी आम आदमी पार्टी से आउट हो चुके हैं और चंदूमाजरा आनंदपुर साहिब से सांसद हैं। ऐसे में परनीत कौर के पास चुनाव में अच्छा मौका है। पांच साल तक संसद से बाहर रहने वाली परनीत की खिलाल में बोलने के लिए भी विरोधियों के पास कुछ खास नहीं है। राज्य में सरकार कांग्रेस की है और उनके पति खुद मुख्यमंत्री हैं।
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चुनौती
काका रणदीप भर सकते हैं टिकट के लिए दंभ
अमलोह से कांग्रेस विधायक काका रणदीप टिकट के मामले में परनीत कौर को चुनौती दे सकते हैं। पटियाला से वह टिकट दिए के लिए दावेदारी जता रहे हैं। काका ने जागरण से बातचीत में कहा कि वह चार बार के विधायक हैं और निश्चित रूप से सीनियर हैं। पूरी पटियाला संसदीय सीट पर सक्रियता न होने पर वह बोले कि उनका परिवार पिछले तीन दशकों से यहां की राजनीति में सरगर्म है। जिले के प्रत्येक हिस्से में उनका संपर्क बना हुआ है। पटियाला लोकसभा सीट से पार्टी टिकट के लिए वह पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान राहुल गांधी से मिलकर बात कर चुके हैं। अब इस बारे में अंतिम फैसला राहुल गांधी को ही करना है।
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ताकत
परनीत कौर के लिए तीन प्लस प्वाइंट्स
- स्थानीय स्तर पर बेहतरीन सामाजिक गतिविधियां।
-पंजाब में कांग्रेस की सरकार और पति कैप्टन अमरिंदर सिंह का सीएम होना।
-पटियाला शाही घराने का इस संसदीय सीट पर विशेष रूतबा होना।
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कमजोरी
परनीत के लिए तीन माइनस प्वाइंट्स
- पटियाला से तीन बार सांसद रहीं, लेकिन पब्लिक को गिनवाने के लिए कोई बड़ा प्रोजेक्ट नहीं है।
-पूर्व के संसदीय कार्यकाल के दौरान सांसद निधि का सही ढंग से इस्तेमाल न होने के कारण चर्चा में बने रहना।
-बेशक लोकल स्तर पर सोशल मूवमेंट है, उसके बावजूद आम व्यक्ति की परनीत कौर तक पहुंच आसान नहीं है।